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बिहार

हाईकमान नाराज, फिर भी ताजपोशी… बिहार में BJP के लिए दिलीप जायसवाल क्यों जरूरी?

Bihar elections 2025: दो दिन पहले बिहार सीएम पद को लेकर दिए बयान के बाद हाईकमान के निशाने पर आए दिलीप जायसवाल को पार्टी ने अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया है। ऐसे में आइये जानते हैं बीजेपी ने जायसवाल को ही क्यों चुना?

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Mar 4, 2025 12:46
Dilip Jaiswal Bihar BJP president
Dilip Jaiswal Bihar BJP president

Dilip Jaiswal Bihar BJP president: बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। इससे पहले बिहार में आज बीजेपी अपना नया अध्यक्ष चुनने जा रही है। हालांकि पार्टी ने उनको जुलाई 2024 में बीजेपी का अध्यक्ष नियुक्त किया था, लेकिन आज उनकी विधिवत ताजपोशाी की जाएगी। इससे पहले डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी इस पद पर थे। दिलीप जायसवाल ने कुछ दिन पहले हुए मंत्रिमंडल विस्तार से पहले भू राजस्व मंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। इसके बाद बजट सत्र से ऐन पहले पत्रकारों से बात करते हुए जायसवाल ने कहा था कि चुनाव के बाद सीएम पद का फैसला एनडीए की मीटिंग में होगा। इसके बाद जेडीयू और बीजेपी के कई नेताओं के बयान सामने आए थे।

सीएम नीतीश पर दिया बयान

सीएम नीतीश कुमार नाराज न हो, इसके लिए बीजेपी हाईकमान ने जायसवाल को दिल्ली तलब कर इस प्रकार की बयानबाजी के लिए फटकार लगाई थी। पार्टी सूत्रों की मानें तो हाईकमान ने दो टूक शब्दों में जायसवाल से कहा कि यह सुनिश्चित करें कि कोई भी नेता इस प्रकार अनर्गल बयानबाजी नहीं करें। वहीं उनको भी चेतावनी दी गई ताकि गठबंधन में कोई विवाद की स्थिति नहीं बने। ऐसे में आइये जानते हैं कि दिलीप जायसवाल को ही पार्टी अध्यक्ष क्यों चुन रही हैं?

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दिलीप जायसवाल बिहार के खगड़िया जिले से आते हैं। उनकी सीमांचल क्षेत्र में खास पकड़ मानी जाती है। सीमांचल में बीजेपी कमजोर मानी जाती है। ऐसे में पार्टी ने सीमांचल को साधने के लिए इस बार इसी क्षेत्र से पार्टी का अध्यक्ष चुना है। जायसवाल 20 साल तक बीजेपी के कोषाध्यक्ष रहे हैं।

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अति पिछड़ों को साधने की कवायद

बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 प्रतिशत है। सोशल इंजीनियरिंग में माहिर बीजेपी ने इस वर्ग को साधने के लिए जायसवाल को अध्यक्ष बनाया है। इससे पहले संजय जायसवाल पार्टी के अध्यक्ष थे। तब पार्टी ने 2020 के चुनाव में 74 सीटों पर जीत दर्ज की थी। गौरतलब है कि प्रदेश में 36 फीसदी आबादी अति पिछड़ा वर्ग से जुड़ी है। वहीं 27.12 प्रतिशत आबादी पिछड़ा वर्ग से है। बात करें एससी की तो वह 19.65 प्रतिशत है और सामान्य वर्ग की 15.52 फीसदी आबादी है।

दिल्ली जायसवाल अति पिछड़ा कलवार जाति से आते हैं। वे गृह मंत्री अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। वे 2009 में पहली बार एमएलसी बने थे। इसके बाद लगातार तीसरी बार वे एमएलसी चुने गए हैं।

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Rakesh Choudhary

First published on: Mar 04, 2025 12:46 PM

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