अमिताभ कुमार ओझा, पटना
बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग की ओर से जारी 13 मार्च के पत्र को वापस लेने की मांग की है। इस पत्र में सम्राट चौधरी की माता स्व. पार्वती देवी की जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया था। बीते 15 मार्च को तारापुर में स्व. पार्वती देवी की जयंती राजकीय समारोह के रूप में मनाई भी गई थी। दरअसल बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की माता की जयंती को राजकीय सम्मान के साथ मनाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। इसको लेकर 12 मार्च को सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से अधिसूचना जारी की गई थी।
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इस अधिसूचना को लेकर आरजेडी ने नाराजगी जताई थी। आरजेडी ने कहा था कि नीतीश सरकार परिवारवाद की नई परिभाषा स्थापित कर रही है। अधिसूचना के अनुसार स्व. पार्वती देवी विधानसभा की सदस्य रह चुकी हैं। उनके सामाजिक एवं विकास कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए राज्य सरकार द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को उनकी जयंती तारापुर (मुंगेर) में राजकीय समारोह के साथ मनाई जाएगी। पार्वती देवी के पति शकुनी चौधरी सांसद के अलावा बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। बहरहाल 15 मार्च को स्व. पार्वती देवी की जयंती राजकीय समारोह के साथ मनाई भी गई, जिसमें उनके बेटे और बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी परिवार के साथ शामिल हुए थे।
आरजेडी ने साधा निशाना
सम्राट चौधरी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इस समारोह की तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि मां को नमन, आज पूज्य माताजी की जयंती पर तारापुर में आयोजित प्रथम राजकीय समारोह में शामिल होकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। उन्हें नमन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मां मेरी स्मृतियों में सदैव जीवित रहेंगी। जयंती को राजकीय समारोह घोषित करने पर आरजेडी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। आरजेडी ने राज्य सरकार के आदेश की प्रति के साथ अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट में लिखा है कि परिवारवाद की नई परिभाषा स्थापित करते नीतीश कुमार। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपनी माता की जयंती पर सरकारी खर्चे से राजकीय समारोह मनाने की जबरन अनुमति दिलवाई है।
इसे कहते हैं राजनीतिक सुचिता और नैतिकता, इसका परिचय हमारे डिप्टी सीएम, हमारे पार्टी की पूर्व अध्यक्ष श्री सम्राट चौधरी जी ने दिया।
माननीय मुख्यमंत्री जी ने फैसला लिया कि उनकी माता जी के जयंती को राजकीय समारोह के रूप में मनाया जाएगा। आदेश भी निर्गत कर दिया गया।
पर नैतिक… pic.twitter.com/9qQ84oK8Cl
— Niraj Kumar (@NirajKumarBJP) March 18, 2025
सभी जनप्रतिनिधियों को मिले सम्मान
पोस्ट में लिखा है कि उपमुख्यमंत्री के पिता शकुनी चौधरी भी पूर्व में मंत्री, विधायक और सांसद रह चुके हैं। इनके भाई जदयू में हैं। CM नीतीश कुमार के अधीन विभाग सामान्य प्रशासन को सभी पूर्व विधायकों को यह सम्मान देना चाहिए, क्योंकि विकास व सामाजिक कार्यों में तो सभी जनप्रतिनिधियों का योगदान रहता है। अनैतिक कुमार का दोहरा चरित्र देखिए। इसी CM ने पटना में अपने राजनीतिक गुरु जॉर्ज फर्नांडिस और शरद यादव की मूर्तियां नहीं लगने दीं। इन महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर कुर्सी कुमार कभी राजकीय समारोह नहीं करवाएंगे।
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