बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन में अंदरूनी तनातनी खुलकर सामने आ गई है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के राज्य सचिव रामनरेश पाण्डेय ने बछवाड़ा विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार गरीब दास पर गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि गरीब दास महागठबंधन के नाम पर चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन असल में भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं. इस बीच भाकपा माले ने बछवाड़ा सीट पर कांग्रेस की बजाये भाकपा के उम्मीदवार को अपना समर्थन देने की घोषणा की है.
2024 के चुनाव में कर चुके BJP के पक्ष में काम
भाकपा नेता ने कहा कि वर्ष 2020 में बछवाड़ा सीट महागठबंधन में भाकपा के हिस्से में थी. उस समय भी गरीब दास ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़कर भाजपा को अप्रत्यक्ष मदद पहुंचाई थी. इतना ही नहीं, 2024 के लोकसभा चुनाव में भी उन्होंने भीतर ही भीतर भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में काम किया था.
रामनरेश पाण्डेय ने आरोप लगाया कि 2025 के विधानसभा चुनाव में भी महागठबंधन की ओर से बछवाड़ा सीट भाकपा को दी गई है, फिर भी कांग्रेस ने गरीब दास को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. उन्होंने दावा किया कि चुनाव प्रचार के दौरान गरीब दास की भाजपा उम्मीदवार से गुप्त बैठक की सूचना मिली है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे भाजपा के हित में कार्य कर रहे हैं.
गरीब दास के BJP से हैं पुराने रिश्ते
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि गरीब दास और उनके परिवार का भाजपा से पुराने रिश्ते रहे हैं. उन्होंने याद दिलाया कि फरवरी 2005 के विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस नेता रामदेव राय, जो गरीब दास के परिवार से संबंधित थे, ने राजद और कांग्रेस के समझौते को तोड़कर भाजपा की मदद से बागी के रूप में चुनाव लड़ा था.
पाण्डेय ने कहा, ‘भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने हमेशा सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ संघर्ष किया है. लेकिन बछवाड़ा से कांग्रेस उम्मीदवार और उनका परिवार बार-बार भाजपा जैसी ताकतों का साथ देता रहा है’.
उन्होंने कहा कि इस बार बछवाड़ा से भाकपा उम्मीदवार अवधेश राय मैदान में हैं, जिनका राजनीतिक और जनसंघर्ष का लंबा इतिहास है. पाण्डेय ने दावा किया कि अवधेश राय इस बार रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज करेंगे.









