बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनावी साल में राज्य सरकार 5 दिनों तक बिहार दिवस महोत्सव के रूप में मनाएगी। वहीं, बीजेपी इसे लेकर कई तरह के कायर्क्रम करने की तैयारी में है। बीजेपी इस बार पूरे देश में बिहार दिवस मनाने जा रही है। इस कार्यक्रम का नाम ‘स्नेह मिलन’ रखा गया है ।
बीजेपी का मास्टर प्लान तैयार
बिहार में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर माहौल अपने पक्ष में करने के लिए बीजेपी ने मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। चुनाव को देखते हुए बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने देशभर में बिहारी संस्कृति, परंपरा और भावना को प्रदर्शित करने वाले कई कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। यह कार्यक्रम पीएम मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के विजन पर हो रहा है । इसलिए बीजेपी ने तय किया है कि पूरे देश में फैले हुए बिहारी समाज से संपर्क किया जाएगा। इस मुहिम के तहत बिहारी समाज से ताल्लुक रखने वाले प्रमुख हस्तियों खासकर सेवा क्षेत्र, उद्योग क्षेत्र और नौकरशाही जैसे क्षेत्रों से लोगों को जोड़ने की योजना बनाई गई है। बीजेपी का मानना है कि इससे बिहार से पलायन कर चुके लोग वापस लौटेंगे ।
कश्मीर से कन्याकुमारी तक बिहार दिवस का जश्न
पूरे देश मे बिहार दिवस का जश्न हफ्तेभर चलेगा। कार्यक्रम की शुरुआत 22 मार्च को बिहार दिवस पर होगी। बीजेपी अपने सांसदों और मंत्रियों को बिहार और उसकी संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम के लिए कश्मीर से कन्याकुमारी तक भेजेगी। बीजेपी के कई शीर्ष नेता इस अवधि के दौरान कार्यक्रम में भाग लेंगे। इसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। बीजेपी नेताओं के अलावा सभी गठबंधन सहयोगियों के टॉप नेता समेत जनता दल (यूनाइटेड) के नीतीश कुमार और चिराग पासवान भी इस कार्यक्रम में भाग लेंगे।
जेडीयू सांसद ने तारीफ के साथ दी नसीहत
इस कार्यक्रम की तारीफ जेडीयू सांसद गिरधारी लाल यादव ने भी किया। लेकिन, साथ ही उन्होंने बीजेपी और अपने नेतृत्व को प्रवासियों की असल समस्या को समझने की नसीहत भी दी। गिरधारी लाल यादव ने कहा कि बिहार के लोग देश के सभी हिस्सों में रहते हैं लेकिन पिछले 10 सालों में एक भी नई ट्रेन बिहार के लिए नहीं चलाई गई है। हम चाहते हैं कि स्नेह मिलन कार्यक्रम के लिए जहां-जहां भी मंत्री और सांसद जी जाए वहां से बिहार के लिए एक नई ट्रेन चलाने की शुरुआत करें ताकी वहां रहने वाले बिहारियों को अपने राज्य वापस आने में कोई परेशानी न हो।
केंद्रीय बजट में हुई घोषणाओं को लोगों तक पहुंचाने की कोशिश
स्नेह मिलन कार्यक्रम में इस बात को भी रेखांकित किया जाएगा कि कैसे ‘डबल इंजन सरकार’ ने बिहार के विकास के लिए निरंतर और अथक प्रयास किया है। प्रधानमंत्री भी इस बात पर जोर देते रहे हैं कि कभी ‘बीमारू राज्य’ रहा बिहार अब प्रगति के पथ पर अग्रसर है। हालांकि, अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। नेताओं को कहा गया है कि पीएम मोदी का बिहार के प्रति समर्पण, खासकर हालिया केंद्रीय बजट में हुई कई घोषणाओं को जमकर भुनाया जाए। प्रचार-प्रसार में सुपर फूड मखाना के लिए बोर्ड बनाने की लंबित मांग को मंजूरी देने को भी भुनाने को कहा गया है। बिहार में इस साल अक्टूबर के आसपास विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है।