---विज्ञापन---

फंस गए पशुपति पारस! मिला बंगला खाली करने का नोटिस, अब क्या करेंगे चिराग के चाचा?

UP Bypoll News: बीजेपी ने सवर्ण के साथ दलित और पिछड़े उम्मीदवारों को मौका दिया है। अखिलेश यादव के पीडीए समीकरण के खिलाफ बीजेपी का ये दांव कितना कामयाब होगा, ये देखने वाली बात होगी, क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश ने पीडीए के दम पर ही बीजेपी को 33 सीटों पर रोक दिया।

Edited By : Nandlal Sharma | Updated: Oct 25, 2024 13:46
Share :
बिहार सरकार ने पशुपति पारस को बंगला खाली करने को नोटिस दिया है।
बिहार सरकार ने पशुपति पारस को बंगला खाली करने को नोटिस दिया है।

Bihar Politics News: चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस के बुरे दिन चल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद एनडीए में किनारे लगा दिए पशुपति पारस को अब बिहार सरकार के भवन निर्माण विभाग ने नोटिस दिया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री राष्ट्रीय लोजपा के प्रमुख पशुपति कुमार पारस को सात दिन के भीतर पटना (1 व्हीलर रोड, शहीद पीर अली खान मार्ग) स्थित राष्ट्रीय लोजपा कार्यालय के भवन को खाली करने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि अगर ऐसा नहीं होता है तो बंगले को जबरन खाली कराया जाएगा।

ये भी पढ़ेंः अखिलेश के PDA को काउंटर करेगा बीजेपी का दलित-पिछड़ा दांव, उपचुनाव की 4 सीटों पर ओबीसी उम्मीदवार

---विज्ञापन---

बता दें कि लोकसभा चुनाव में पशुपति पारस को बीजेपी ने किनारे करके चिराग पासवान की लोजना (R) के साथ गठबंधन किया था। उसके बाद से ही पशुपति पारस हाशिए पर हैं। हालांकि 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद चिराग पासवान के बीजेपी के एजेंडे के खिलाफ स्टैंड लेने पर गृह मंत्री अमित शाह ने पशुपति पारस से मुलाकात की थी। माना गया था कि राजनीति में पशुपति पारस की सक्रियता बढ़ेगी।

जीतनराम मांझी ने किया था सपोर्ट

इसी दौरान जीतनराम मांझी ने बयान जारी करते हुए कहा था कि पशुपति पारस एनडीए का हिस्सा हैं। हालांकि जिस तरह से पशुपति पारस के बंगले को मिले नोटिस में जो भाषा इस्तेमाल की गई है। वह निश्चित तौर पर बिहार में डबल इंजन सरकार के रुख को बयां करती है।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ेंः JDU का मतलब ‘जहां दारु अनलिमिटेड’, RJD ने नीतीश की पार्टी पर कसा तंज

पशुपति पारस को भेजा नोटिस भवन निर्माण विभाग बिहार सरकार के संयुक्त सचिव सह सक्षम प्राधिकार संजय कुमार सिंह की ओर से 22 अक्टूबर 2024 को जारी किया गया है। नोटिस में लिखा गया है कि 30 जून 2006 को लोक जनशक्ति पार्टी को कार्यालय दिया गया था। इसके बाद इसका आवंटन 13 जून 2024 को रद्द कर दिया गया था। फिर 28 सितंबर 2024 को उप सचिव भू संपदा पदाधिकारी ने भवन निर्माण विभाग के संयुक्त सचिव से पत्र के जरिए अनुरोध किया था।

हम भी एनडीए के साथी फिर ऐसा व्यवहार क्यों?

नोटिस पर राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रभारी सुनील सिन्हा ने कहा कि जो पत्र विभाग की ओर से मिला है। उसमें लिखा है कि बंगले पर स्टे ऑर्डर नहीं है। लेकिन पहले जो पत्र मिला था उसके खिलाफ पार्टी कोर्ट गई थी। अब दोबारा से बंगला खाली करने का नोटिस मिला है। पार्टी इसके खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी। स्टे ऑर्डर लाएंगे।

सिन्हा ने आरोप लगाया कि साजिश के तहत पार्टी के आवास को खाली जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि एनडीए की सरकार है और एनडीए के हम भी साथी है, फिर हमारे साथ इस तरह का व्यवहार क्यों किया जा रहा है।

HISTORY

Written By

Nandlal Sharma

First published on: Oct 25, 2024 01:46 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें