Bihar Rural Works Department Big Decision: बिहार की नीतीश कुमार सरकार द्वारा इस समय राज्य की शहरी और ग्रामीण सड़कों के निर्माण और मरम्मत कार्य की गुणवक्ता पर खास ध्यान दे रही हैं। इसी के तहत ट्रैफिक सर्वे और डीपीआर मंजूर करने को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। नए साल 2025 में बिहार के ग्रामीण सड़कों के निर्माण स्थिति को सुधारने के लिए अब ट्रैफिक सर्वे के बाद ही सड़कों की डीपीआर तैयार की जाएंगी। विभाग द्वारा यह सर्वे रियल टाइम के आधार पर किया जाएगा। डीपीआर से पहले ट्रैफिक सर्वे कराने का उद्देश्य सिर्फ ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता को बेहतर करना है। साथ ही इससे सड़के मजबूत और टिकाऊ बनेंगी।
मोबाइल ऐप से होगा ट्रैफिक सर्वे
ग्रामीण कार्य विभाग ने मोबाइल ऐप से ग्रामीण सड़कों का ट्रैफिक सर्वे करने का फैसला किया है। इसके लिए मोबाइल एप विकसित किया गया है। राज्य में अब तक ट्रैफिक सर्वे का काम मैनुअली किया जाता था। लेकिन अब से रियल टाइम के आधार पर ट्रैफिक सर्वे होगा, उसके बाद ही ग्रामीण सड़कों के लिए डिजाइन तैयार की जाएगी। इन सब के बाद ही सड़कों का निर्माण कार्य शुरू होगा।
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विभाग ने लिया बड़ा फैसला
जहां पहले अधिकारी घर बैठे ट्रैफिक सर्वे और डीपीआर मंजूर करने का काम करते थे। इसके परिणामस्वारूप कुछ ही महीने बाद नई सड़के हैवी ट्रैफिक का भार नहीं सह पाती थी और खराब हो जाती थी। इसको लेकर विभाग द्वारा इंजीनियरों को कई बार चेतावनी दी, लेकिन इसके बाद भी हालात में कोई खास सुधर नहीं हुआ। इस लापरवाही को देखते हुए ही विभाग ने मोबाइल एप के जरिए सड़कों का ट्रैफिक सर्वे करने का फैसला किया है। इनता ही नहीं विभाग ने इस स्ट्रेटर्जी को अमल में लाना भी शुरू कर दिया है। अब से राज्य में जिन भी सड़कों का निर्माण होने वाला है, उसका डीपीआर मोबाइल ऐप से ट्रैफिक सर्वे होने के बाद ही तैयार किया जाएगा।