Bihar Politics News: एक तरफ नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारी में पार्टी संगठन को झोंक दिया है तो विपक्षी पार्टियों ने भी नीतीश को घेरने के लिए प्लान रच डाला है। कांग्रेस और आरजेडी ने स्मार्ट मीटर के खिलाफ सड़कों पर उतरने का ऐलान कर दिया है। 1 अक्टूबर को राज्य भर में आरजेडी और कांग्रेस ने प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है। विपक्ष का आरोप है कि राज्य में स्मार्ट मीटर से लोगों को लूटा जा रहा है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद राज्य में बिजली काफी महंगी हो गई है।
बिहार में उपभोक्ताओं पर जबर्दस्ती थोपे जा रहे बिजली मीटर तो स्मार्ट नहीं हैं, पर स्मार्ट मीटर वाली कंपनी, सरकारी अधिकारी और सत्तारूढ़ नेता…सभी जरूर ज़रूरत से बहुत ज्यादा “स्मार्ट” नजर आ रहे हैं!
एक ओर नीतीश कुमार के प्यारे भ्रष्ट अधिकारियों को महंगी महंगी मर्सिडीज कारें इत्यादि… pic.twitter.com/tMPGxcKGwc---विज्ञापन---— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) September 27, 2024
इस बीच नीतीश कुमार ने बिहार सरकार में मंत्री अशोक चौधरी को पार्टी महासचिव बना दिया है। देखना है कि संगठन में बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद अशोक चौधरी क्या मनीष वर्मा की तरह ही जमीन पर उतरेंगे।
मुजफ्फरपुर से जेडीयू का कार्यकर्ता समागम
नीतीश कुमार ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव को मनीष वर्मा को कार्यकर्ता समागम करने की जिम्मेदारी दी है। 27 सितंबर से मुजफ्फरपुर से इस कार्यक्रम की शुरुआत हो रही है। ये कार्यक्रम लंबा चलने वाला है और 20 जनवरी 2025 को इसका समापन होगा। सबसे बड़ा सवाल ये है कि अशोक चौधरी भी क्या मनीष वर्मा की तरह लोगों के बीच जाएंगे।
दरअसल नीतीश की अशोक चौधरी पर मेहरबानी महादलित समुदाय के वोटरों को साधने के लिए है। हाल ही में श्याम रजक आरजेडी से जेडीयू में आए हैं। नीतीश इन दोनों नेताओं के साथ दलित और महादलित समुदाय को अपने साथ रखना चाहते हैं। राज्य में दलित वोटर्स की संख्या 19.65 प्रतिशत है। जाहिर नीतीश इस वोट को छिटकने नहीं देना चाहते हैं।
अशोक चौधरी की संगठन में पदोन्नति उस ट्वीट के बाद हुई है, जिसकी चारों तरफ चर्चा रही। बढ़ती उम्र को आधार बनाकर ट्वीट किए गए इस पोस्ट से जेडीयू में खलबली मच गई। नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी को तलब किया और दोनों नेताओं के बीच डेढ़ घंटे मुलाकात चली।
आरजेडी-कांग्रेस का स्मार्ट मीटर प्लान
बिहार में नीतीश कुमार के खिलाफ आरजेडी ने कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार का बिगुल फूंक दिया है। दोनों पार्टियां स्मार्ट मीटर के खिलाफ प्रदर्शन करेंगी। कांग्रेस और आरजेडी के बीच इस मुद्दे पर सहयोग दिख रहा है। दोनों पार्टियों के नेताओं ने बैठक की है।
25 सितंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए आरजेडी अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि हमने लोगों को अपने घरों से स्मार्ट मीटर हटाने का आह्वान किया है। स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली 40 प्रतिशत महंगी हो गई है। मीटर के जरिए आम लोगों से पैसा उगाही का काम हो रहा है। आरजेडी ने ग्रामीण लोगों से अपील की है कि स्मार्ट मीटर लगाने के लिए तकनीकी अधिकारियों को घर में न घुसने दें।
दूसरी ओर बिहार कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश ने कहा कि बिहार कांग्रेस पूरे राज्य में व्यापक जन आंदोलन चलाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत नालंदा से होगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पहले चनपटिया, बेतिया और अन्य जगहों पर आंदोलन प्रारंभ कर चुकी है।
क्या है स्मार्ट मीटर योजना
बिहार के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि विपक्ष बेवजह स्मार्ट मीटर को मुद्दा बना रहा है। राज्य में 2 करोड़ 7 लाख उपभोक्ता हैं। 50 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं। 2025 तक सभी घरों में मीटर लग जाएंगे।
आरजेडी नेता जगदानंद सिंह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर से जगदानंद सिंह फायदे में हैं। उनका बिजली बिल 17 प्रतिशत कम आया है। उन्होंने कहा कि सामान्य मीटर में जनवरी 2020 से दिसंबर 2021 तक 5284 यूनिट बिजली बिल है। स्मार्ट मीटर में फरवरी 2022 से जनवरी 2024 तक 4404 यूनिट बिजली बिल आया है।