Bihar News: बिहार में चुनावी सरगर्मी तेज होती जा रही है और इसका सबसे दिलचस्प पहलू बन रहा है पोस्टर वार। पटना की सड़कों पर एक के बाद एक पोस्टर राजनीतिक दलों की रणनीति, दावेदारी और कटाक्ष का माध्यम बनते जा रहे हैं। अब आरजेडी (राजद) ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के पोस्टर का जवाब एक तीखे और व्यंग्यपूर्ण पोस्टर से दिया है, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे चेतावनी दी गई है।
LJPR के पोस्टर का जवाब आरजेडी ने उसी अंदाज में दिया
20 मई को एलजेपी (रामविलास) की ओर से पटना में लगाए गए पोस्टरों में चिराग पासवान को नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी के रूप में दिखाया गया था। पोस्टर में चिराग-नीतीश की मुलाकात, भरोसे और ‘आशीर्वाद’ की बात लिखी गई थी। इसके ठीक एक दिन बाद आरजेडी ने पलटवार करते हुए एक पोस्टर जारी किया जिसमें चिराग पासवान और सम्राट चौधरी दोनों को मुख्यमंत्री बनने का इच्छुक बताया गया है।
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पोस्टर में आरजेडी का दावा- “तेजस्वी ही असली बिहारी”
राजद की नेता संजू कोहली द्वारा लगाए गए इस पोस्टर में एक सीधा संदेश दिया गया है:
“तेजस्वी यादव ही शुद्ध देसी बिहारी, बाकी तो बाहरी हैं।” पोस्टर में एक जलते दीपक को फूंक मारकर बुझाते हुए दिखाया गया है – प्रतीकात्मक तौर पर यह चिराग पासवान की उम्मीदों को बुझाने का संकेत है। साथ ही कटाक्ष करते हुए लिखा गया है, “चिराग मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख रहे हैं, राजनीति का चिराग जलने वाला नहीं है।”
तेजस्वी शुद्ध देसी बिहारी, बाकी तो हैं बाहरी”- एलजेपीआर के पोस्टर का RJD ने पोस्टर से दिया करारा जवाब, नीतीश को दी नसीहत pic.twitter.com/5TxgjMSuT7
— Namrata Mohanty (@namrata0105_m) May 21, 2025
नीतीश कुमार को नसीहत- “बुझ जाइए चाचा”
पोस्टर का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को दी गई चेतावनी। आरजेडी ने कहा, “ये लोग आपको धोखा देते आए हैं, बुझ जाइए चाचा।” यह पंक्ति स्पष्ट रूप से यह दर्शाने की कोशिश करती है कि सम्राट चौधरी और चिराग पासवान जैसे सहयोगी भविष्य में नीतीश कुमार के लिए राजनीतिक खतरा बन सकते हैं।
राजनीतिक संकेत और संभावनाएं
पोस्टर वार के ज़रिए जो संदेश सामने आ रहे हैं, वे बिहार की सियासत में भविष्य के समीकरणों की झलक दे रहे हैं। एक तरफ चिराग पासवान खुद को बिहार की राजनीति में नीतीश के विकल्प के तौर पर पेश कर रहे हैं, वहीं राजद तेजस्वी यादव को “असली बिहारी” और नीतीश कुमार के स्वाभाविक उत्तराधिकारी के रूप में दिखा रहा है।
बिहार की राजनीति में पोस्टर अब प्रचार का नहीं, बल्कि प्रतिद्वंद्विता और संभावित गठबंधनों का आईना बन चुके हैं। एलजेपीआर और आरजेडी के बीच चल रहा यह पोस्टर युद्ध केवल शब्दों की जंग नहीं है, बल्कि सत्ता के लिए हो रही जमीन तैयार करने की एक शुरुआत भी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए यह संकेत हो सकता है कि उनके आसपास बदलते समीकरणों को नजरअंदाज करना अब आसान नहीं होगा।
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