Bihar Politics: बिहार में जनसुराज पार्टी के संयोजक प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को लेकर एक बार फिर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जिस कुर्मी समाज से आते हैं उससे अधिक तो ब्राह्मणों की आबादी है। इसलिए अगर कोई कुर्मी नेतृत्व कर सकता है तो ब्राह्मण क्यों नहीं। उन्होंने स्वयं की ब्राह्मण पहचान को लेकर कहा कि आखिर संविधान में कहां लिखा है सवर्ण राजनीति में नहीं आ सकता। उन्होंने कहा मैं जातिवादी राजनीति के पक्ष में नहीं हूं, लेकिन कुछ लोग मेरे नाम में पांडेय ढूंढकर ला रहे हैं।
पीके ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमारे देश में मुसलमानों की आबादी 18 फीसदी है। उनकी भूमिका भी बड़ी होगी। हमारे दल के 18 प्रतिशत पदाधिकारी मुसलमान होंगे। इसके अलावा टिकट पाने और पदों के लिए उन्हें मौका मिलेगा। अब आबादी के आधार पर सभी वर्गों को मौका देने की कोशिश करेंगे। 2 अक्टूबर को हमारा दल औपचारिक रूप लेगा। हमारी मूल भावना सभी को साथ लेकर दल बनाने की है।
मुस्लिम डर के मारे आरजेडी को वोट दे रहे हैं
उन्होंने आरजेडी के एमवाई समीकरण को लेकर कहा कि यह अस्तित्व में नहीं है। पीके ने कहा कि 2014 में उनके 4 सांसद बने इसके बाद 2019 में कोई नहीं जीत पाया। अब फिर से 4 सीटें उनको मिली है। अब तक मुसलमान उन्हें वोट दे रहा था, इसकी वजह आरजेडी का काम नहीं बल्कि भाजपा का डर है। दलितों के बाद मुसलमान सबसे बदहाल है। वे केवल भाजपा के विरोध में वोट नहीं दें बल्कि बच्चों के भविष्य को देखकर आगे बढ़ें।
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पार्टी के लोग करेंगे फैसला
प्रशांत किशोर ने कहा कि ऐसा ही एक बड़ा वर्ग नीतीश और बीजेपी को वोट करता है कि क्योंकि वो लालू यादव से डरता है। मैं मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि आपने अभी तक जिनको चुना है उन्होंने आपके लिए क्या किया? उन्होंने कहा कि जनसुराज पार्टी का नेता मैं नहीं बल्कि पार्टी के लोग ही नेतृत्व को लेकर फैसला लेंगे।
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