Bihar Politics Nitish Cabinet (सौरव कुमार): बिहार मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी में कहीं INDIA से कोई कनेक्शन तो नहीं। नीतीश कुमार कह रहे हैं कि तेजस्वी यादव बताएंगे कब विस्तार करना है। लेकिन वहीं डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इस मुद्दे पर खामोश हैं। क्या नीतीश और लालू की मिलीभगत है? मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किए जाने के पीछे कहीं INDIA में संयोजक और सीट शेयरिंग का दबाव तो नहीं?
कैबिनेट बर्थ की डिमांड
नीतीश के नेतृत्व में बनी महागठबंधन सरकार बनने के बाद से ही मंत्रिमंडल के विस्तार की बात हो रही थी। वही कांग्रेस की तरफ से दो सीटों की डिमांड लंबे समय से की जा रही थी। मगर अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया है कि मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा। इसी के साथ यह भी साफ हो गया। कि कैबिनेट में कांग्रेस की नई एंट्री नहीं होने वाली है।
नीतीश क्यों नहीं कर रहे मंत्रिमंडल विस्तार
माना जा रहा है, कि नीतीश कुमार ने कांग्रेस को मैसेज देने के लिए ये दांव चला है। उन्होंने पूरी प्लानिंग के तहत ये बात कही कि मंत्रिमंडल बहुत बड़ा है। वो इसके विस्तार की कोई जरुरत नहीं महसूस कर रहे हैं। दरअसल इंडिया गठबंधन बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की बात चल रही थी। लेकिन विपक्षी दलों के गठबंधन की तीन बैठकें पटना बेंगलुरु और मुंबई में हो चुकी है। बावजूद इसके उन्हें संयोजक नहीं बनाया गया है।
I.N.D.I.A. में तवज्जों नहीं मिलने पर लिया फैसला?
ऐसी चर्चा है कि इसी नाराजगी के चलते अब नीतीश कुमार ने स्पष्ट रूप से जाहिर करती है। पहली बैठक जब राजधानी पटना में आयोजित की गई थी उस वक्त नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से यह बात कही थी कि वह मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे। जिसमें कांग्रेस दो मंत्रियों को शामिल करेंगे। मगर ना तो नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री कैंडिडेट बनाया गया और ना ही उन्हें संयोजक बनाया गया है। जिसका नतीजा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीधे तौर पर मंत्रिमंडल विस्तार पर पूर्ण विराम लगा दिया है।
मंत्रिमंडल विस्तार नही होने पर नीतीश और लालू दोनो जिम्मेदार
एक बात और सामने आ रही है, कि नीतीश और लालू दोनो चाहते है। कि पहले बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए महागठबंधन में सीट शेयरिंग को लेकर बात फाइनल हो जाए। उसके बाद ही दोनों बिहार में कैबिनेट विस्तार करना चाहते है, क्योंकि कैबिनेट विस्तार वाला त्रुप का इक्का लालू और नीतीश अपने पास तब तक रखना चाहते है जब तक गठबंधन में सब कुछ तय ना हो जाए।