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बिहार

हिंदुत्व-RSS और बाबा… बिहार चुनाव को लेकर BJP और RSS की रणनीति क्या?

BJP Hindutva strategy in BIhar: बिहार में बीजेपी और आरएसएस हिंदुत्व कार्ड के जरिए विपक्ष की जातीय एकता का गुब्बारा फोड़ने की कोशिश में जुटी है। इसको लेकर आरएसएस ने प्लानिंग भी शुरू कर दी है। आइये जानते हैं आखिर क्या है बीजेपी और आरएसएस की रणनीति?

Author Edited By : Rakesh Choudhary Updated: Mar 9, 2025 11:20
Bihar Politics
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Bihar Politics: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा का आयोजन कर रहे हैं। उनके इस आयोजन को लेकर विपक्ष ने बीजेपी पर आरोप लगाया है कि वे लोग चुनाव घोषित होने से पहले ही हार मान चुके हैं। बिहार में बाबाओं के आगमन पर जमकर सियासत हो रही है। पक्ष और विपक्ष एक-दूसरे पर जमकर हमलावर है। वहीं धीरेंद्र शास्त्री ने गोपालगंज में कहा कि अगर हमें बिहार आने से रोका गया तो हम यहीं पर अपना मठ बनाएंगे।

बिहार में शुरू से ही जाति की सियासत

बिहार में हमेशा से ही जाति की सियासत होती आई है। आरजेडी, जेडीयू और बीजेपी अति पिछड़ा वोटबैंक पर अपनी पकड़ बनाना चाहता है। बिहार में अति पिछड़ा वर्ग की आबादी 36 प्रतिशत है। इस वोट बैंक को साधकर ही सबसे पहले 1989 में लालू यादव ने सरकार बनाई थी। इसके बाद जब सत्ता के लिए विवाद हुआ तो समता पार्टी से अलग होकर लालू यादव ने आरजेडी बनाई। वहीं नीतीश कुमार और शरद यादव ने आगे चलकर जेडीयू बनाई।

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बीजेपी का फोकस हिंदुत्व पर

बीजेपी पिछले कुछ समय से लोगों को जातियों में न बंटने का संदेश दे रही है। लोकसभा चुनाव में हिंदू वोटों के बंटवारे बीजेपी को यूपी और महाराष्ट्र में बड़ा नुकसान हुआ। जिसके बाद पार्टी ने अपनी रणनीति बदली और हिंदू एकता पर बल दिया। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बंटेंगे तो कटेंगे और पीएम मोदी ने एक हैं तो सेफ है जैसे नारे दिए। इससे बीजेपी को हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में फायदा हुआ। पार्टी ने हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाई। जबकि महाराष्ट्र में अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी जीत दर्ज की। वहीं दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में वापसी की।

बीजेपी-आरएसएस ने निकाली आरक्षण की काट

इन राज्यों की जीत में आरएसएस ने बड़ी भूमिका निभाई। अब एक बार फिर आरएसएस बिहार में सक्रिय हो गई है। इसकी शुरुआत बाबा बागेश्वर की सभा से हुई है। बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री अपने बयानों के लिए जाने जाते हैं। वे अक्सर अपनी कथाओं में हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कहते हैं। इसके साथ ही देश को संविधान के हिसाब से चलाने की बात भी करते हैं। बिहार में आरजेडी और कांग्रेस के जातीय आरक्षण की काट निकालने के लिए बीजेपी ने हिंदू एकता की बात पर जोर देना शुरू कर दिया। ताकि हिंदू जाति के आधार पर न बंटकर सामूहिक तौर पर एक ही पार्टी को सपोर्ट करें।

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विपक्ष के निशाने पर बीजेपी

बाबा बागेश्वर और श्रीश्री रविशंकर के बिहार में उतरने से आरजेडी और कांग्रेस के अंदर बैचेनी है। कटिहार से कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने बयान देकर कहा कि चुनावी साल में बाबाओं को क्यों बार-बार कष्ट दिया जा रहा है। चुनाव आते ही बिहार में बाबाओं के दौरे शुरू हो गए हैं। उन्होंने कहा कि एनडीए और खास तौर पर बीजेपी बुरी तरह से डरी हुई है। बिहार में बीजेपी और एनडीए बाबाओं का सहारा लेकर चुनाव जीतना चाह रहे हैं।

जेडीयू की चिंता क्या?

हालांकि इस पूरे मामले में अभी जेडीयू के आला नेता यानी सीएम नीतीश कुमार की प्रतिक्रिया नहीं आई है। सीएम नीतीश कुमार को बिहार में अति पिछड़ा कुर्मी और कोइरी के अलावा मुस्लिमों का वोट भी मिलता रहा है। ऐसे में जेडीयू के लिए फिलहाल बड़ी पेशोपेश वाली स्थिति है। अब देखना यह है कि बिहार में बीजेपी के इस हिंदुत्व कार्ड के आगे विपक्ष क्या चाल चलता है और नीतीश कुमार की क्या प्रतिक्रिया रहती है।

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Edited By

Rakesh Choudhary

First published on: Mar 09, 2025 11:20 AM

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