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बिहार

बिहार में आधार से जुड़ी गड़बड़ियों पर PAC सख्त, नियमों में सुधार की मांग पर हुई चर्चा

मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के बीच, संसद की लोक लेखा समिति (PAC) में गुरुवार को आधार कार्ड के दुरुपयोग और संदिग्ध लोगों को सरकारी लाभ मिलने के मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। लोक लेखा समिति की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल कर रहे थे । बैठक में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के कामकाज पर चर्चा हुई।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jul 18, 2025 00:16
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बिहार में आधार से जुड़ी गड़बड़ियों पर PAC सख्त

बिहार में चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया के बीच, संसद की लोक लेखा समिति (PAC) में गुरुवार को आधार कार्ड के दुरुपयोग और संदिग्ध लोगों को सरकारी लाभ मिलने के मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, सत्ता पक्ष के कई सदस्यों ने बैठक में आरोप लगाया कि बड़ी संख्या में अयोग्य लोग, जिनमें कथित घुसपैठिए भी शामिल हैं, आधार हासिल कर रहे हैं और उसके जरिए वोटर आईडी, पासपोर्ट जैसे अन्य दस्तावेज भी प्राप्त कर रहे हैं।

UIDAI के कामकाज पर चर्चा

लोक लेखा समिति की अध्यक्षता कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल कर रहे थे । बैठक में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) के कामकाज पर चर्चा हुई। कुछ सदस्यों ने यह भी मांग रखी कि गलत जानकारी वाले आधार कार्ड में सुधार की प्रक्रिया को सरल बनाया जाए, क्योंकि ऐसी त्रुटियों के चलते आम लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता। सूत्रों के मुताबिक समिति ने अधिकारियों से कहा कि वे जल्द से जल्द एक परिपत्र जारी करें, जिससे लोगों को आधार से जुड़े नियमों और प्रक्रियाओं की जानकारी मिल सके। हालांकि, समिति में शामिल सत्ताधारी गठबंधन के कई सांसदों ने कहा कि विशेष रूप से बड़ी संख्या में संदिग्ध घुसपैठिए आधार बनवा चुके हैं। यह काम उस समय हुआ जब आवेदन प्रक्रिया इतनी सख्त नहीं थी। ऐसे में उनकी वैधता की पुन: समीक्षा की मांग की गई।

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सरकारी योजनाओं का लाभ देने पर होगा दोबारा विचार

एक सांसद ने कहा कि आधार अब संदिग्ध नागरिकता वाले लोगों के लिए बैकडोर एंट्री जैसा बन गया है, जिसके जरिए वे वोटर आईडी और पासपोर्ट जैसे आधिकारिक दस्तावेज ले रहे हैं। कर्नाटक, बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में ऐसी स्थिति की चर्चा की गई। समिति में शामिल सांसदों का यह भी मानना है कि चूंकि आधार केवल निवास प्रमाण पत्र माना जाता है, नागरिकता का प्रमाण नहीं, इसलिए केवल आधार के आधार पर किसी व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ देने पर दोबारा विचार किया जाना चाहिए। एक सूत्र ने कहा, “आखिरकार केवल भारतीय नागरिक ही सरकारी लाभ का हकदार होना चाहिए। फर्जी दस्तावेज़ के ज़रिए आधार लेने की घटनाएं सामने आती रही हैं।”

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नए आवेदकों की ऐसे होती है सिफारिश

बैठक के दौरान बताया गया कि कई जगहों पर ग्राम प्रधान या किसी स्थानीय प्रभावशाली व्यक्ति की सिफारिश पर भी लोगों को आधार मिल जाता है, यहां तक कि आधार धारक खुद भी नए आवेदकों की सिफारिश कर देते हैं। बैठक में मौजूद केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और UIDAI के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि अब आधार आवेदन के नियमों को सख्त कर दिया गया है और राज्यों को इस संबंध में पत्र भी भेजे जा रहे हैं।

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आधार आम आदमी से जुड़ा मुद्दा

बैठक के बाद लोक लेखा समिति के चेयरमैन केसी वेणुगोपाल ने कहा, “आधार आम आदमी से जुड़ा मुद्दा है। इस पर कई सवाल उठाए गए और सुझाव भी दिए गए।”इसके अलावा बैठक में कुछ सदस्यों ने यह भी मुद्दा उठाया कि कई बार आधार कार्ड धारकों की बायोमेट्रिक डिटेल्स नहीं मिलतीं या डेटा में गलती हो जाती है, जिससे उन्हें योजनाओं का लाभ मिलने में परेशानी आती है।समिति ने इस पर भी ध्यान देने और सुधार की प्रक्रिया को आसान बनाने के सुझाव दिए हैं।

First published on: Jul 18, 2025 12:08 AM

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