Bihar Hajipur Court auctioned DM Office: (अभिषेक कुमार) बिहार की हाजीपुर कोर्ट ने डीएम के कार्यालय की नीलामी का इश्तेहार निकाल दिया है, जिसे देखकर हर कोई हैरान है। हालांकि कोर्ट का ये फैसला प्रशासन की लापरवाही पर आया है। लालफीताशाही और मुआवजे में देरी के कारण कोर्ट ने डीएम के दफ्तर को ही नीलाम करने का फरमान जारी कर दिया है।
क्या है मामला?
दरअसल हाजीपुर में 24 साल पहले एक युवक की मौत हो गई थी। ये मामला साल 2000 का है। बिद्दूपुर थाने के चकसिकन्दर इलाके में सरकारी रोड रोलर के कारण एक युवक हादसे का शिकार हो गया। युवक का नाम फैज खलीफा था। इस हादसे में फैज की मौत हो गई।
6 साल से नहीं मिला मुआवजा
फैज खलीफा की मौत के बाद परिजनों ने अदालत का दरवाजा खटखटाया और 19 साल बाद कोर्ट ने मामले पर फैसला सुनाया। 2019 में हाजीपुर कोर्ट ने परिजनों को 8 लाख 10 हजार 840 रुपए मुआवजा देने की बात कही। कोर्ट ने प्रशासन को दो महीने के अंदर रकम चुकाने का आदेश दिया। मगर प्रशासन सोता रहा और 6 साल बाद भी परिजनों को मुआवजे की राशि नहीं मिल सकी।
नीलाम होगा डीएम का दफ्तर
लिहाजा हाजीपुर कोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुए कहा कि सरकारी संपत्ति की नीलामी करके सूत समेत मुआवजा चुकाया जाएगा। इसी के साथ कोर्ट ने डीएम के दफ्तर को ही नीलाम करने का आदेश दे दिया। कोर्ट का इश्तेहार देखकर सभी दंग रह गए। हालांकि कोर्ट के अगले फैसले तक डीएम ऑफिस की नीलामी नहीं होगी। अदालत ने केस की अगली तारीख 18 मई यानी शनिवार की दी है। इस दौरान कोर्ट रिपोर्ट पेश करेगी, जिसके बाद नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।