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बिहार

झारखंड के बाद अब बिहार की बारी, जीतन राम मांझी ने क्यों बढ़ाई नीतीश सरकार की टेंशन

Bihar Floor Test : झारखंड के बाद अब बिहार में फ्लोर टेस्ट होना है। नीतीश सरकार को विधानसभा में 12 फरवरी को अपना बहुमत साबित करना है।

Author Edited By : Deepak Pandey Updated: Feb 5, 2024 15:41
Jitan Ram Manjhi and Nitish Kumar
बिहार में नीतीश सरकार से क्यों नाराज हैं जीतन राम मांझी।

Bihar Floor Test : झारखंड में तो चंपई सोरेन सरकार ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया है। अब बिहार की बारी है, जहां 12 फरवरी को नीतीश सरकार की शक्ति परीक्षा होने वाली है। इससे पहले राज्य में सियासी संकट मंडरा रहा है। HAM के प्रमुख और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार की टेंशन बढ़ दी है।

झारखंड की तरह ही बिहार में कांग्रेस को विधायकों के टूटने का डर है, इसलिए फ्लोर टेस्ट से पहले सारे विधायक हैदराबाद भेज दिए गए हैं। इस बीच सत्ताधारी गठबंधन एनडीए से कुछ नेता नाराज चल रहे हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी राजद और कांग्रेस ने जीतन राम मांझी को सीएम बनने का ऑफर दिया था, लेकिन उन्होंने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इसके बाद उन्होंने एनडीए को सपोर्ट करने का ऐलान किया था।

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क्यों नहीं मिलता कोई बड़ा विभाग : मांझी

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अब सभी पार्टियों की नजरें जीतन राम मांझी पर बनी हुई हैं। मांझी ने एनडीए सरकार में दो मंत्री पद मांगा था, लेकिन सिर्फ उनके बेटे संतोष सुमन को ही मंत्री बनाया गया है। ऐसे में अब पूर्व सीएम चाहते हैं कि कम-से-कम कोई महत्वपूर्ण पद ही मिल जाए। पूर्व सीएम ने बेटे को मिले मंत्रालय को लेकर असंतोष जताया है और कहा कि हमें एनडीए सरकार में कोई बड़ा मंत्रालय या विभाग क्यों नहीं मिलता है। मुझे भी एससी-एसटी विभाग मिला था और अब मेरे बेटे को यही मंत्रालय दिया गया है। ऐसा क्यों होता है।

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मांगा पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग : पूर्व सीएम

जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार को एससी-एसटी कल्याण विभाग का मंत्री बनाया गया है। इससे पहले भी जब वे एनडीए सरकार में मंत्री थे तब भी उन्हें यही मंत्रालय मिला था। ऐसे में अब पूर्व सीएम मांझी ने एनडीए सरकार के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। उन्होंने कहा कि क्या हम लोगों को पथ निर्माण और भवन निर्माण विभाग नहीं मिल सकता है। मांझी के इस बयान से बिहार की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।

कांग्रेस विधायकों के हैदराबाद जाने पर संदेह

बिहार कांग्रेस के विधायकों को हैदराबाद शिफ्ट करने पर बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सबसे बड़ा संदेह यह है कि उन्हें हैदराबाद जाना पड़ा। स्थिति कांग्रेस के नियंत्रण में नहीं है। देखते हैं क्या होता है।

First published on: Feb 05, 2024 03:41 PM

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