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Bihar News: सिंचाई और बाढ़ जोखिम से निपटने के लिए तैयार बिहार, वर्ल्ड बैंक के साथ 4415 करोड़ की परियोजना को मंजूरी

Bihar News: बिहार सरकार ने विश्व बैंक के साथ मिलकर 4415 करोड़ की परियोजना को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य प्रभावी सिंचाई प्रबंधन, कुशल सिंचाई प्रणाली का निर्माण और बाढ़ जोखिम को कम करना है। परियोजना से बाढ़ और सूखे से प्रभावित जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

Author Edited By : Shabnaz Updated: May 18, 2025 13:43
Bihar flood risk management

Bihar News: बिहार सरकार ने राज्य में आधुनिक सिंचाई प्रबंधन और बाढ़ नियंत्रण के लिए एक बड़ी पहल की है। कैबिनेट ने जल सुरक्षा और सिंचाई के आधुनिकीकरण के लिए 4415 करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट ने शुक्रवार को जल संसाधन विभाग के विश्व बैंक समर्थित बिहार जल सुरक्षा और सिंचाई आधुनिकीकरण परियोजना (BWSIMP) को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। प्रस्तावित परियोजना का उद्देश्य सिंचाई दक्षता को बढ़ाना, संस्थागत क्षमता का निर्माण करना और बाढ़ जोखिम प्रबंधन में सुधार करना है।

आपातकालीन स्थितियों से निपटने की तैयारी

यह आपदा और आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए क्षमता निर्माण और तैयारी करने में मदद करेगा। इसके अलावा, परियोजना हितधारकों के समन्वय को बढ़ावा देगी, जिससे आर्थिक और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा मिलेगा। यह एक बड़ी पहल है, जिसमें आवश्यक संस्थागत क्षमता, हितधारकों की क्षमता, कुशल सिंचाई प्रणाली, बाढ़ जोखिम में कमी और सूखे की रोकथाम के लिए कदम उठाना शामिल है। इसके तहत राज्य भर में बाढ़, जलभराव और सूखे से प्रभावित जिलों को प्राथमिकता दी जाएगी। इससे बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए प्रमुख नदियों के पानी के ज्यादा फ्लो को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी।

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4,415 करोड़ है अनुमानित लागत

इस परियोजना में आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इससे बांधों को मजबूत किया जाएगा और सूखा प्रभावित जिलों के लिए समाप्त हो चुकी सिंचाई क्षमता को बहाल किया जाएगा। प्रस्तावित परियोजना की अनुमानित लागत 4,415 करोड़ रुपये है। इसमें से 30 फीसदी (1324.50 करोड़ रुपये) बिहार सरकार द्वारा वहन किया जाएगा, जबकि बाकी का 70 फीसदी (3090.50 करोड़ रुपये) विश्व बैंक (IBRD) से लोन के रूप में लिया जाएगा।

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कैसे-कैसे खर्च होंगे पैसे?

इसके चार मुख्य घटक हैं, जिनमें 2,487 करोड़ रुपये जलवायु-अनुकूल सिंचाई पर खर्च किए जाएंगे। जबकि, 1,525 करोड़ रुपये बाढ़ जोखिम न्यूनीकरण, 243 करोड़ रुपये जल प्रशासन और 160 करोड़ रुपये परियोजना प्रबंधन पर खर्च किए जाएंगे। अलग-अलग घटकों के तहत किए जाने वाले कामों को जल संसाधन विभाग (नोडल विभाग के रूप में) ग्रामीण विकास और कृषि विभागों के साथ मिलकर किया जाएगा।

सिंचाई सिस्टम का अपग्रेशन और मॉर्डनाइजेशन

परियोजना चालू वित्त वर्ष 2025-26 में शुरू होने वाली है, जो 7 साल में पूरी की जाएगी। इस परियोजना के तहत प्रमुख सिंचाई सिस्टम को अपग्रेशन और मॉर्डनाइजेशन किया जाना है। इससे बारिश पर निर्भरता कम होगी और किसानों को प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सिंचाई सुविधा मिल सकेगी। इसके अंतर्गत सोन, गंडक और कोसी बैराजों का पुनर्वास, सोन पश्चिमी मुख्य नहर का आधुनिकीकरण, पश्चिमी कोसी सिंचाई प्रणालियों का पुनर्वास और आधुनिकीकरण, झंझारपुर शाखा नहर का पुनर्वास और आधुनिकीकरण होना है। साथ ही सारण मुख्य नहर (17 किमी से 35 किमी के बीच) का नवीनीकरण और लाइनिंग का काम भी शामिल है।

बाढ़ के जोखिम को कम करना

इस परियोजना में बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए पहचाने गए तटबंधों और स्पर्स का पुनर्वास और सुदृढ़ीकरण (Rehabilitation And Strengthening) भी शामिल है। पुनर्वास और आधुनिकीकरण के लिए विश्व बैंक के सलाहकारों के साथ मिलकर एडवांस डिजाइन टेक्निक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस परियोजना के तहत, जो प्रमुख पहल की जानी हैं, उनमें बागमती नदी के बाएं तटबंध को ऊंचा करना, मजबूत करना और पक्का करना शामिल है। इसके अलावा, कटिहार जिले के कुर्सेला ब्लॉक में पाथर-टोला से कमलकानी तक कटाव-रोधी काम, विस्तारित सिकरहट्टा-मंझरी बांध को मजबूत करना और पक्का करना है। वहीं, इसके 11 स्पर्स का जीर्णोद्धार और पूर्वी कोसी तटबंध के 25 स्पर्स का जीर्णोद्धार शामिल है।

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First published on: May 18, 2025 01:43 PM

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