बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं। इससे पहले राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो 15 अप्रैल यानी कल राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस के बीच बड़ी बैठक होने जा रही है। जिसमें चुनावी रणनीति और सीट बंटवारे पर चर्चा होगी। इसके अलावा सीएम फेस को लेकर भी चर्चा होगी। तेजस्वी यादव दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे।
सीट शेयरिंग को लेकर फंसी बात
मुलाकात के दौरान दोनों पार्टियों में सीएम फेस और वामदलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर चर्चा होगी। इसके अलावा कांग्रेस 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कह रही है। वहीं दूसरी ओर आरजेडी उसे 100 सीटें देने के मूड में नहीं है। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग इस बार इतनी आसान नहीं रहने वाली है। 2020 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद तेजस्वी यादव ने कहा था चुनाव में कांग्रेस को इतनी सीटें देना रणनीतिक भूल थी। उसके बाद से ही ये कयास लगने लगे कि इस बार के चुनाव में आरजेडी अपनी शर्तों पर गठबंधन करेगी।
15 अप्रैल को होगी तेजस्वी-खड़गे की अहम बैठक
◆ बैठक का उद्देश्य चुनावी रणनीति और सीट-बंटवारे पर चर्चा करना
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— News24 (@news24tvchannel) April 13, 2025
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कांग्रेस ने बनाई रणनीति
बता दें कि पिछले कई दिनों से बिहार में कांग्रेस अपनी रणनीति पर ध्यान दे रही है। बिहार कांग्रेस में नई जान फूंकने के लिए आलाकमान ने अखिलेश प्रसाद सिंह को हटाकर राजेश कुमार को नया अध्यक्ष बनाया है। इसके अलावा कृष्णा अल्लावरु को नया प्रभारी बनाया है। कांग्रेस कन्हैया कुमार के चेहरे को आगे कर रोजगार दो यात्रा निकाल रही है। पार्टी चुनाव से पहले दलित, अल्पसंख्यक वोटर्स पर फोकस कर रही है। इसके अलावा पार्टी युवाओं को रिझाने के लिए रोजगार दो यात्रा निकाल रही है।
लालू यादव की नाराजगी
कांग्रेस के ये प्रयास आरजेडी प्रमुख लालू यादव को रास नहीं आ रहे हैं। अखिलेश प्रसाद सिंह को अध्यक्ष पद से हटाने के बाद से ही वे कांग्रेस आलाकमान से नाराज चल रहे हैं। इसके बाद कन्हैया कुमार की रोजगार दो पदयात्रा भी उन्हें नागवार गुजर रही है। लालू यादव नहीं चाहते ही विपक्ष के गठबंधन में तेजस्वी यादव के बराबर किसी और नेता की चर्चा हो। ऐसे में दोनों नेताओं के लिए कल होने वाली बैठक बड़ी अहम होगी।
गौरतलब है कि महागठबंधन में सीट शेयरिंग हमेशा से विवादित रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी पप्पू यादव की सीट पर आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए थे। हालांकि विपक्ष लोकसभा चुनाव में 10 सीटें जीतने में सफल रहा। जोकि पिछले चुनाव की तुलना में अधिक था।
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