---विज्ञापन---

बिहार

बिहार में ही होगी दवाओं की जांच, पटना को मिली अत्याधुनिक औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला

पटना में 30 करोड़ की अत्याधुनिक ड्रग टेस्टिंग लैब का स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने उद्घाटन किया। फूड और ड्रग टेस्टिंग में भी बिहार आत्मनिर्भर हुआ और इससे जांच में भी तेजी आएगी। वहीं दूसरी तरफ 13 करोड़ लोगों की सेहत को नई सुरक्षा मिली।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Shivani Jha Updated: Jun 26, 2025 17:56
Bihar News

बिहार की राजधानी पटना में स्वास्थ्य सेवाओं को नई मजबूती देने की दिशा में एक बेहद महत्वपूर्ण पहल की गई है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने पटना में आज पटना के अगमकुआं स्थित जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान, एनएमसीएम में 30 करोड़ रुपये की लागत से औषधि नियंत्रण प्रयोगशाला का उद्घाटन किया। यह प्रयोगशाला अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस की गई है। इस प्रयोगशाला में अब राज्य में ही दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच की जा सकेगी। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, इससे स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी।

कोलकाता भेजे जाते थे सैंपल

अब दवाओं और खाद्य उत्पादों की गुणवत्ता की जांच के लिए सैंपल कोलकाता जैसे शहरों को भेजे जाते थे। मगर अब इस जांच के लिए बिहार को दूसरे राज्यों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। बताते चलें, भेजे गए सैंपल की रिपोर्ट आने में पहले कई महीने लग जाते थे। मगर अब समय रहते आवश्यक कार्रवाई कर पाना आसान होगा। इस नई प्रयोगशाला के शुरू होने से अब जांच न केवल तुरंत होंगी, बल्कि गलत व नकली दवाओं की पहचान कर उन्हें बाजार से हटाने में भी तेजी आएगी।

---विज्ञापन---

अत्याधुनिक तकनीक से लैस

इस प्रयोगशाला में 28 आधुनिक उपकरण लगाए गए हैं, जिनके जरिए दवाओं और खाद्य पदार्थों की सूक्ष्म स्तर पर जांच संभव हो सकेगी। यह सुविधा राज्य को स्वास्थ्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी और तकनीकी रूप से भी स्वास्थ्य विभाग को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाएगी।

13 करोड़ जनता की सुरक्षा गारंटी

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा, “यह प्रयोगशाला बिहार की 13 करोड़ जनता के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा की मजबूत गारंटी है। अब सरकार न केवल इलाज की बेहतर सुविधा दे रही है, बल्कि यह सुनिश्चित कर रही है कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण दवाएं ही उपलब्ध कराई जाएं।” उन्होंने कहा कि इस पहल से जनता का स्वास्थ्य अधिकार और अधिक सुरक्षित होगा और यह केंद्र सरकार की “सुरक्षित भारत, स्वस्थ भारत” की परिकल्पना को भी मजबूती देगा। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य प्रत्यय अमृत, बीएमएसआईसीएल के एमडी दिवेश रामचंद्र देवरे सहित अन्य अधिकारी और नेता मौजूद रहे।

---विज्ञापन---

प्रमुख बातें

प्रयोगशाला की लागत- 30 रुपए करोड़
कुल उपकरण- 28 अत्याधुनिक मशीनें
प्रमुख उद्देश्य- दवाओं और खाद्य पदार्थों की जांच
पुरानी व्यवस्था- कोलकाता भेजे जाते थे सैंपल
लाभ- समय की बचत, नकली दवाओं पर रोक, स्थानीय आत्मनिर्भरता

First published on: Jun 26, 2025 05:12 PM

संबंधित खबरें