बिहार की बिजली वितरण कंपनियों ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है, जो न केवल राज्य की ऊर्जा क्षेत्र की प्रगति को दर्शाता है बल्कि यह सरकार के वित्तीय प्रबंधन में भी एक नई दिशा दिखाता है। इस साल इन कंपनियों ने 1574 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व सरकार के राजकोष में जमा किया है, जो अब तक का सबसे बड़ा योगदान है। यह सफलता केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है बल्कि यह हर उस व्यक्ति की मेहनत और समर्पण का परिणाम है जिसने इस यात्रा में साथ दिया। यह उपलब्धि हमें यह सिखाती है कि सही दिशा में मेहनत करने से कोई भी मुश्किल आसान हो सकती है।
राज्य की बिजली कंपनियों का ऐतिहासिक राजस्व योगदान
बिहार राज्य की वितरण कंपनियों ने इस वर्ष राज्य के राजकोष में 1574 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व जमा किया है। ऊर्जा मंत्री ने इस उपलब्धि को ऐतिहासिक बताया और कहा कि यह राज्य की बिजली कंपनियों के प्रभावी प्रबंधन और बेहतर वित्तीय प्रबंधन का परिणाम है। उन्होंने बताया कि यह अब तक का सबसे बड़ा योगदान है जो यह दर्शाता है कि बिजली कंपनियां अपने संचालन को कुशलता से चला रही हैं और वित्तीय रूप से मजबूत हो रही हैं।
#बिहार के ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार!
📍AT&C लॉस में कमी के कारण 2023-24 व 2024-25 में वितरण कंपनियों को इस मद में सरकारी अनुदान की आवश्यकता नहीं रही।
📍राजस्व संग्रहण में रिकॉर्ड वृद्धि के फलस्वरूप वाणिज्यकर विभाग को ऊर्जा शुल्क के रूप में ₹1442 करोड़ की देय राशि में से… pic.twitter.com/ah8XDr3nnU---विज्ञापन---— Bihar State Power Holding Company Limited (@BiharEnergy) March 29, 2025
उपभोक्ताओं की जागरूकता और पारदर्शी प्रबंधन का असर
मंत्री ने बताया कि 2024-25 के साल में बिजली बिल से 1513 करोड़ रुपये टैक्स के रूप में जमा किए गए और GST से भी 61 करोड़ रुपये मिले। मंत्री ने कहा कि यह अच्छा राजस्व इकट्ठा करना उपभोक्ताओं की जागरूकता, सही बिलिंग सिस्टम और साफ-सुथरे तरीके से काम करने का नतीजा है। इससे राज्य सरकार को एक बड़ी राशि मिली है जो राज्य की आर्थिक स्थिति को और मजबूत करेगी।
सरकारी अनुदान की आवश्यकता का समाप्त होना
इसके अलावा, ऊर्जा मंत्री ने बताया कि 2023-24 और 2024-25 में राज्य की वितरण कंपनियों ने एटी एंड सी लॉस (बिजली चोरी और बिल न भरने से होने वाला नुकसान) के लिए सरकार से मिलने वाले पैसे की जरूरत खत्म कर दी है। इससे राज्य सरकार पर कम दबाव पड़ा है और अब बिजली कंपनियां सरकार के पैसे पर निर्भर नहीं हैं। यह राज्य सरकार के लिए बड़ी सफलता है, क्योंकि इससे राज्य की आर्थिक स्थिति और मजबूत होगी।
आत्मनिर्भर बिजली कंपनियों की सफलता
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यह सफलता बिहार के ऊर्जा क्षेत्र की तरक्की को दिखाती है। पहले बिजली कंपनियां पूरी तरह से राज्य सरकार के पैसे पर निर्भर थीं, लेकिन अब वे खुद कमा रही हैं और राज्य को भी पैसे दे रही हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बिजली उपभोक्ताओं को बिना रुकावट, अच्छी और सस्ती बिजली देने के लिए पूरी तरह से तैयार है। यह सफलता वितरण कंपनियों के अधिकारियों, कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के साथ मिलकर मेहनत करने का परिणाम है।