Bihar news: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले लगातार हत्या की घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके लेकर विपक्ष सरकार को घेर रहा है। लेकिन गुरुवार को प्रदेश के उच्च पुलिस अधिकारी अपने विवादित बयानों से चर्चा में रहे। बिहार के डीजीपी विनय कुमार ने भी एडीजी कुंदन कृष्णन के विवादित बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अपराधों में मौसम का भी असर पड़ता है।
न्यूज24 से बातचीत में डीजीपी ने आंकड़े देकर बताया कि जनवरी-फरवरी में हत्या की घटनाएं कम होती हैं, जबकि मार्च-अप्रैल में इनमें थोड़ी वृद्धि होती है। जून-जुलाई के महीनों में ये घटनाएं सबसे अधिक होती हैं। पिछले साल सिर्फ जुलाई में हत्या के 49 मामले दर्ज हुए थे जबकि इस वर्ष अब तक सिर्फ 28 मामले सामने आए हैं।
उन्होंने कहा कि गर्मियों के महीनों में जमीन से जुड़े विवाद अधिक बढ़ते हैं, जिससे इन महीनों में अपराध बढ़ते हैं। वहीं, सर्दी के महीनों विशेषकर दिसंबर में डकैती की घटनाएं ज्यादा होती हैं। इसके अलावा डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि पुलिस हर आपराधिक घटना पर सख्ती से कार्रवाई कर रही है। लगातार मामलों का खुलासा किया जा रहा है।
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एडीजी ने दिया था ये बयान
एक बातचीत में एडीजी कुंदन कृष्णन के कहा कि इन तीन महीनों में किसान खाली रहते हैं। बारिश होने से पहले तक उनके पास ज्यादा काम नहीं होता। इस वजह से राज्य के अंदर अपराध बढ़ते हैं। जैसे ही बारिश होती है, ये किसान फिर से खेती के काम में लग जाते हैं और अपराध की घटनाएं कम हो जाती हैं।
हत्याओं को पूरी तरह से नहीं रोका जा सकता- DGP
बातचीत में DGP विनय कुमार ने कहा कि हत्या की घटनाओं को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता, क्योंकि अधिकांश हत्याएं पारिवारिक विवाद या आपसी रंजिश के चलते होती हैं। उन्होंने कहा कि पारस हॉस्पिटल में हुई गोलीबारी की घटना गंभीर है और पुलिस इसमें तेजी से जांच कर रही है। मामले का बहुत जल्द खुलासा होगा। कहा कि जो मारा गया है, वह भी एक कुख्यात अपराधी था, लेकिन हत्या तो हत्या है और हर मामले का उद्भेदन करना पुलिस की जिम्मेदारी है।
विपक्ष लगातार कर रहा प्रहार
बिहार में बढ़ते अपराध के खिलाफ विपक्ष लगातार सरकार को घेर रही है। विपक्ष का कहना है कि सरकार अपराध नियंत्रण में पूरी तरह विफल रही है और राजधानी पटना समेत पूरे राज्य में कानून-व्यवस्था चरमराई हुई है। हाल की हाई-प्रोफाइल हत्याओं और खुलेआम गोलीबारी की घटनाओं से आमजन में भय का माहौल बना हुआ है।
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