Bihar BJP Challenges upcoming Assembly Election 2025: हरियाणा, महाराष्ट्र और अब दिल्ली का चुनाव जीतने के बाद भाजपा का आत्मविश्वास फिर से वापस लौटा है, जो कि लोकसभा चुनाव में 240 सीटों पर सिमटने के बाद घटता नजर आया था। विशेषज्ञों का भी मानना है कि अगर बीजेपी हरियाणा के बाद महाराष्ट्र चुनाव जीतती है तो वह दोबारा से अपना मोमेंटम हासिल कर लेगी।
सर्वे में खुलासा
हाल ही में डंडिया टुडे के ‘मूड ऑफ नेशन’ सर्वे में सामने आया है कि अगर अभी लोकसभा चुनाव हो जाएं तो भाजपा और उसके सहयोगियों को 383 सीटें मिल सकती हैं, जो इस बात की पुष्टि करता है कि भाजपा लोकसभा चुनाव 2024 में लड़खड़ाने के बाद फिर से अपना मोमेंटम हासिल कर रही है और हाल के विधानसभा चुनाव भी इसकी तस्दीक करते हैं। भाजपा ने लगातार हरियाणा, महाराष्ट्र फिर दिल्ली चुनाव जीतकर इस बात को साबित भी किया है।
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बीजेपी के लिए बिहार चुनाव में चुनौतियां
लगातार तीन विधानसभा चुनाव जीतने के बाद बीजपी के सामने असली चुनौती बिहार चुनाव में मानी जा रही है। ऐसा माना जा रहा है कि अगर बीजेपी बिहार चुनाव में अच्छा करती है और सरकार बनाने में कामयाब होती है, तो वह राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में एक बार फिर से मजबूत जमीन तैयार कर लेगी। पार्टी का बिहार चुनाव जीतने और अपने दम पर सरकार बनाने का सपना अधूरा है। बीजेपी आज तक बिहार में अपने दम पर सरकार नहीं बना पाई है, इसलिए वह इस बार पूरे दमखम से मैदान में उतरने को तैयार है।
1. बिहार को मिला नया अध्यक्ष
इसी कड़ी में बिहार बीजेपी का नया अध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल को बनाया है। यह बीजेपी का बनिया और व्यवसायी समाज को साधने का प्लान नजर आता है। वहीं जातीय राजनीति वाले राज्य बिहार में जायसवाल को लेकर भाजपा में ज्यादा टकराव नहीं होने वाला है। जायसवाल के सामने संगठन में किसी तरह के टकराव को रोकना और पार्टी को जिताना बड़ी चुनौती होगी।
2. नीतीश के CM बनने पर सस्पेंस
दूसरी सबसे बड़ी चुनौती नीतीश कुमार हैं, जिनके रिटायर होने और बीजेपी का राज्य में आने का डर दिखाकर तेजस्वी यादव लगातार उन पर निशाना साध रहे हैं। लालू प्रसाद यादव समेत पार्टी के नेता मौजूदा नीतीश सरकार को आखिरी बताकर उन पर हमला बोल रहे हैं। विपक्ष में खासकर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री रहे एकनाथ शिंदे की तरह बिहार में भी नीतीश को निपटाने की बात फैला रहे हैं। हाल ही में पीएम मोदी ने अपने बिहार दौरे के दौरान भाषण में नीतीश को ‘लाडला’ कहा था। इस बयान को भी विपक्ष ने मुद्दा बना लिया है। वहीं बीजेपी भी इस मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में है और बयान देने लगी है कि नीतीश आगे भी मुख्यमंत्री रहेंगे, लेकिन यह मुद्दा भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है।
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3. तेजस्वी बने बिहार की पहली पसंद
हाल ही में सामने आए सर्वे में आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव को पहली पसंद माना गया है। वह एक युवा चेहरा भी हैं। पिछली नीतीश सरकार में नौकरी को मुद्दा बनाकर तेजस्वी ने काफी लोकप्रियता बटोरी है। लोग उन्हें बिहार के भविष्य के तौर पर देख रहे हैं, जो बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होगी। अब देखना होगा कि उनके सामने बीजेपी किसी युवा चेहरे को प्रमोट करती है या नहीं।
4. BPSC पेपर लीक आंदोलन
हाल में बीपीएससी पेपर लीक को लेकर छात्रों के आंदोलन को जिस तरह से नीतीश सरकार ने हैंडल किया, उसको लेकर उनकी काफी आलोचना हुई। एक छात्र ने आत्महत्या भी की, जो कि बड़ा मुद्दा बन गया। इस मुद्दे को लेकर नीतीश विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गए थे। छात्र और युवा अगर इस मुद्दे को लेकर चुनाव में बीजेपी और नीतीश के खिलाफ लामबंद होते हैं तो यह भी एक बड़ी चुनौती होगी।
देखना होगा कि बीजेपी का जंगलराज का मुद्दा तेजस्वी का पीछा करता है। उनकी छवि पर हमले के साथ बीजेपी और क्या रणनीतियां बनाती है, जो आने वाली चुनौतियों से निपटते हुए बिहार में जीत का रास्ता निकालती है।
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