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बिहार के B.Ed डिग्री धारकों के लिए बुरी खबर, हाईकोर्ट ने रद्द की मान्यता, योग्यता पर उठाए सवाल

High Court decision on primary school teachers eligibility: मुख्य न्यायाधीश विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति राजीव राय की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों के लिए बी.एड. डिग्री धारकों को अयोग्य घोषित कर दिया है।

Edited By : Shailendra Pandey | Updated: Dec 7, 2023 13:43
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High Court decision on primary school teachers eligibility: पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति राजीव राय की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए प्राथमिक विद्यालय के अध्यापकों के लिए बी.एड. डिग्री धारकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। साथ ही एनसीटीई की ओर से 28 जून 2018 को जारी अधिसूचना को कोर्ट ने कानूनी तौर पर गलत बताया है।

बिहार में (बैचलर ऑफ एजुकेशन) बी.एड. पास कर कक्षा 1 से 5 तक में नियुक्त शिक्षकों को पटना हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने इन्हें अयोग्य करार दिया है। साथ ही बीएड पास अभ्यर्थियों को प्राइमरी टीचर्स के लिए योग्य मानने से इनकार कर दिया है।

कोर्ट पहुंचे थे अभ्यर्थी

गौरतलब है कि बिहार में 2021 में छठे चरण की शिक्षक नियुक्ति हुई थी और इस नियुक्ति प्रक्रिया के बाद पटना उच्च न्यायालय में कई याचिकाएं दायर की गई थीं, जिसमें बी.एड. पास अभ्यर्थियों को प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक के पद पर नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की गई थी।

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पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विनोद चंद्रन और जस्टिस राजीव राय की खंडपीठ ने बुधवार यानी 06 दिसंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कहा कि प्राथमिक शिक्षा में डिप्लोमा वाले अभ्यर्थी ही प्राथमिक विद्यालय शिक्षण नौकरियों के लिए पात्र हैं।

डिप्लोमा वाले अभ्यर्थी होंगे पात्र

सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश का हवाला देते हुए, पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि केवल प्रारंभिक शिक्षा में डिप्लोमा वाले अभ्यर्थी ही प्राथमिक विद्यालय में शिक्षण के लिए योग्य हैं। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि बीएड डिग्री धारकों के पास बच्चों को प्रभावी ढंग से संभालने के लिए आवश्यक शैक्षणिक कौशल का अभाव है। बयान में कहा गया है कि नतीजतन, शीर्ष अदालत ने 2018 एनसीटीई अधिसूचना को रद्द कर दिया, जिसमें प्राथमिक शिक्षकों के लिए योग्यता मानदंड के रूप में बी.एड. को नामित किया गया था।

 

First published on: Dec 07, 2023 01:43 PM

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