सौरभ कुमार, पटना: बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तारीखों की घोषणा कर की गई है। सत्र के दौरान पांच बैठकें होगी। राज्यपाल की अनुमति मिलने के बाद सोमवार को संसदीय कार्य विभाग ने इसकी विधिवत अधिसूचना जारी कर दी है। सत्र की शुरुआत 6 नवंबर से होगी और खत्म 10 को होगी। इस बार शीतकालीन सत्र में कुछ बड़ा होने वाला है इसका संकेत मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहले ही दे दिया है।
जाति आधारित गणना पर होगी चर्चा
शीतकालीन सत्र भले ही मात्र पांच दिनों का है, लेकिन हंगामेदार होने के आसार हैं। इसी सत्र में जाति आधारित गणना को पटल पर रखने की बात होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कुछ दिन पहले ही यह संकेत दे दिया था कि विधानसभा में जाति आधारित गणना की रिपोर्ट के साथ-साथ आर्थिक और सामाजिक सर्वे की रिपोर्ट को भी रखा जाएगा और इस पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ सभी दलों से सदन में राय ली जाएगी। अब देखना है कि विपक्ष सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलने देता है या पांच दिनों का यह छोटा सत्र हंगामे का भेंट चढ़ जाएगा।
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संख्या के आधार पर आरक्षण की हो रही मांग
बता दें कि बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट आने के बाद संख्या के आधार पर आरक्षण की मांग हो रही है और इसको लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी भी हो रही है। इसके साथ ही विपक्ष इस रिपोर्ट को लेकर ही सवाल उठा रहा है। इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री ने सर्वदलीय बैठक भी की थी, जिसमें विपक्ष के नेताओं ने कई सुझाव दिए थे। वहीं, शीतकालीन सत्र में जातीय गणना की रिपोर्ट पर बहस होने की संभावना है। इसको लेकर सरकार सदन में अपनी बात रख सकती है।