Nitish Kumar Statement on Jitan Ram Manjhi: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बोल एक बार फिर बिगड़ गए। उन्होंने एक बार फिर विधानसभा सेशन में आक्रामक तेवर दिखाए। बिहार विधानसभा में आज ऐसा नजारा देखने को मिला, जैसा शायद पहले कभी किसी ने देखा हो। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन के अंदर दलित तबके से आने वाले पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जमकर जलील किया। नीतीश कुमार काफी देर तक जीतन राम मांझी के साथ तू-तड़ाक करते रहे। अपशब्दों की बौछार करते रहे।
ऐसे शुरू हुआ विवाद
विवाद की शुरुआत तब हुई, जब पूर्व CM जीतन राम मांझी सदन में बोलने के लिए खड़े हुए। मांझी ने कहा कि अनुसूचित जाति को 1950 के समय से ही आरक्षण मिल रहा है, लेकिन आज तक सरकारी नौकरियों में इस तबके की हिस्सेदारी सिर्फ 3 प्रतिशत है। नीतीश कुमार बेशक आरक्षण बढ़ा दें, लेकिन उसे धरातल पर उतरना चाहिए, यह भी उन्हें ही सुनिश्चित करना होगा। बिहार सरकार ने भी जो जातीय सर्वेक्षण कराया है, उसके आंकड़े सही नहीं लग रहे हैं।
#WATCH पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री राम मांझी पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ”… यह मेरी गलती थी कि मैंने इस व्यक्ति को मुख्यमंत्री बना दिया था… दो महीने में ही मेरी पार्टी के लोग कहने लगे कि कुछ गड़बड़ है इन्हें हटाओ… फिर मैं (सीएम) बन गया… वे(जीतन राम… pic.twitter.com/C26m73942R
---विज्ञापन---— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 9, 2023
बेकाबू हुए नीतीश कुमार
जीतन राम मांझी बोल ही रहे थे कि नीतीश कुमार बेकाबू होकर उठ खड़े हुए। उन्होंने जीतन राम मांझी के साथ तू तड़ाक करते हुए बेइज्जत करना शुरू कर दिया। नीतीश ने बोलना शुरू किया और कहा कि इसको कोई आइडिया है, यह तो मेरी गलती है, जो इस आदमी को हमने बना दिया था मुख्यमंत्री। कोई सेंस नहीं है इसको। ऐसे ही बोलता रहता है, कोई मतलब नहीं है।
बैठो न यार, सुनो न यार
नीतीश कुमार की आपत्तिजनक बातों के बीच जीतन राम मांझी बोल रहे थे कि यह गलत बात है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। नीतीश कुमार जीतन राम मांझी को कह रहे थे कि बैठो न यार, अरे सुनो न यार, कुछ जानते हो, बैठो। नीतीश फिर भाजपा विधायकों की ओर मुड़े और कहा कि 2013 में जब आप लोगों को छोड़ दिये थे तो हम इसको (मांझी को) बना दिये थे मुख्यमंत्री। 2 ही महीना में हमारी पार्टी का लोग कहने लगे कि गड़बड़ है तो हम इसको हटा दिये थे और फिर हम बन गये थे। अब कहता रहता है कि मैं भी मुख्यमंत्री था। अरे, ई क्या मुख्यमंत्री था। ई तो मेरी मूर्खता से मुख्यमंत्री बना था।
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सदन के ऊपर प्रेस दीर्घा में बैठे पत्रकारों की ओर देखते हुए नीतीश कुमार बोले कि आप ऊपर वाला भी जान लो, बिना मतलब का रोज इसको छापते हैं, कोई सेंस है इसमें। फिर भाजपा विधायकों को कहा कि एक मेरा सुझाव है कि आप ही लोगों के पीछे ई घूम रहा है। ई चाहता है गवर्नर बनना। यह हम लोगों के साथ था, तब भी जाकर उलटा पुलटा बोलता था तो लगा दीजिये गवर्नर इसको। अरे बनना चाहता है ये गवर्नर। अरे आप काहे नहीं बनाते हैं गवर्नर। इसको गवर्नर बना दीजिये।
मेरा गदहपनी थी, जो इसको बना दिये मुख्यमंत्री
नीतीश की बातों के विरोध में भाजपा विधायकों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। नीतीश भाजपा विधायकों से भी भिड़ गये। नीतीश ने कहा कि मेरा गदहीपन था, जो इसको बना दिये थे मुख्यमंत्री। आप लोग अरे गवर्नर काहे नहीं बना देते हैं इसको। गर्वनर बनने के लिए पीछे घूम रहा है। इसके (मांझी के) परिवार के लोग इसके विरोध में हैं। ये कोई काम का आदमी नहीं है, फालतू है। नीतीश कुमार फिर भाजपा विधायकों से भिड़े कि नारा लगा रहे हो, इसको(मांझी को) मुख्यमंत्री कौन बनाया। आप लोग बनाये हैं। भूल गये हो। कौन बनाया था उसको मुख्यमंत्री। मेरी गदहपनी जो इसको मुख्यमंत्री बना दिये। अब कह रहे हो पूर्व मुख्यमंत्री.
नीतीश कुमार ने कहा कि मैं जान बूझ कर बोल रहा हूं। हम चाहते हैं कि तुम एक्सपोज हो जाओ। एक्सपोज्ड हो जाओ और इन लोगों के साथ रहो।