Bihar Assembly Election NDA seat sharing formula: बिहार चुनाव को लेकर एनडीए और बीजेपी की तैयारियां तेज हो गई है . संगठन में महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी निभा चुके , धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी बनाया गया है वही उत्तर प्रदेश में कई महत्वपूर्ण सांगठनिक पद की जिम्मेदारी निभा चुके , केशव मौर्य को सह प्रभारी – बनाया गया है वही गुजरात विधानसभा में बीजेपी की जीत के हीरो सी आर पाटिल को भी सह प्रभारी बनाया गया है . वही एनडीए की सीट शेयरिंग फार्मूला भी अब परवान चढ़ने लगा है . सूत्रों के मुताबिक इस बार बीजेपी और जेडीयू 100–100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी.
#WATCH | Delhi: On being appointed as the Bihar election in charge for the Bihar Assembly elections, Union Minister and BJP leader Dharmendra Pradhan says, "Under the leadership of CM Nitish Kumar, we have been in power for the last 20 years. With the support, vision, and… pic.twitter.com/7NRVqdR1jI
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) September 25, 2025
मामूली फेरबदल संभव, बड़ा बदलाव मुश्किल
पिछली बार जेडीयू ने 115 और बीजेपी ने 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. यानी बड़े–छोटे भाई का मामला खत्म…वर्तमान आकड़ा इस प्रकार है . जेडीयू और बीजेपी को 100–100 सीटें, अब दोनों जुड़वां भाई के फॉर्मूले पर आ गए हैं . लोजपा रामविलास को 25 सीटें, हम को 10–11 सीटें और राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 7–8 सीटें मिलने की संभावना है. हालांकि मामूली फेरबदल हो सकता है, लेकिन बड़ा बदलाव मुश्किल माना जा रहा है. यानी गठबंधन के दोनों बड़े दल मोटे तौर पर सहमत है .
चिराग पासवान 30 से कम सीटों पर तैयार नहीं
गठबंधन में सबकुछ आसान नहीं है. चिराग पासवान किसी भी हाल में 30 से कम सीटों पर मानने को तैयार नहीं हैं. चर्चा है कि उन्हें 25 सीटें और एक राज्यसभा सीट देने का प्रस्ताव है. वहीं, उपेंद्र कुशवाहा भी राज्यसभा में दोबारा भेजे जाने की मांग पर अड़े हैं. कम से कम चिराग के पार्टी के तेवर अभी भी इस ओर इशारा करते है . सूत्रों के मुताबिक सीट बंटवारे और चुनावी रणनीति को लेकर चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात हुई. कहा जा रहा है कि यह बैठक बीजेपी नेतृत्व के इशारे पर हुई, ताकि उन सीटों की पहचान हो सके जहां दोनों दलों का कॉमन इंटरेस्ट है.
अक्टूबर के पहले हफ्ते में होगी बैठक
करीब एक घंटे चली बैठक में सीटों के अलावा बिहार की मौजूदा राजनीतिक हालात और वोटों के ध्रुवीकरण पर भी चर्चा हुई. इधर, एनडीए घटक दलों के नेताओं की बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से प्रत्यक्ष बैठक अक्टूबर के पहले हफ्ते में होगी. तभी सीट बंटवारे का औपचारिक ऐलान संभव है. यानी औपचारिक फैसले मोटे तौर पर हो चुका है . लेकिन छोटे दलों की मांगें अब भी चुनौती बनी हुई हैं. अब सबकी निगाहें अक्टूबर में होने वाली औपचारिक घोषणा पर हैं, जब बीजेपी और जेडीयू इस गणित को अंतिम रूप देंगे और चुनावी रणभूमि में उतरेंगे.