सौरव कुमार, पटना
बिहार में कुछ ही माह बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में सूबे की राजनीति गर्माई हुई है। महागठबंधन के नेताओं की मंगलवार को दिल्ली में मीटिंग हुई है। बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मुलाकात के बाद एक बार फिर बिहार में राजनीति तेज हो गई है। एक तरफ जहां इस मुलाकात को भारतीय जनता पार्टी (BJP) अवसर की राजनीति बता रही है। वहीं, जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी तेजस्वी यादव पर हमला बोला है। जेडीयू एमएलसी और सह मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि तेजस्वी यादव लालू प्रसाद यादव के लिए आंतरिक बोझ साबित हो सकते हैं। कांग्रेस पार्टी खुद को स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की विरासत बताती है। ऐसी पार्टी वैसे व्यक्ति के सामने आत्मसमर्पण कर रही है, जो धारा 420 का आरोपी रहा है।
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ऐसा व्यक्ति जो लगातार कोर्ट में पेश हो रहा हो और कांग्रेस ऐसे व्यक्ति का बिहार में नेतृत्व स्वीकार करने जा रही है तो यह उसकी दुर्गति की अंतिम प्रणीति है। उधर, तेजस्वी यादव और खड़गे की मुलाकात पर भाजपा नेता नीरज कुमार ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कुर्सी के मोह में ये लोग कितनी भी सियासी नौटंकी कर लें, इनका नेतृत्व और दिशा तय नहीं होने वाली। मामले में राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में महागठबंधन महामजबूत है। बिहार की 14 करोड़ जनता ने तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री मान लिया है। कहीं कोई कन्फ्यूजन नहीं है।
बिहार में गर्माई राजनीति pic.twitter.com/rcHuYLrL7g
— parmod chaudhary (@parmoddhukiya) April 15, 2025
सीट शेयरिंग को लेकर होगी बात
बताया जा रहा है कि तेजस्वी यादव दिल्ली पहुंच चुके हैं। खड़गे से मुलाकात के दौरान दोनों पार्टियों में सीएम फेस और वामदलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर चर्चा होनी तय मानी जा रही है। कांग्रेस की रणनीति 100 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की है। दूसरी ओर आरजेडी कांग्रेस पार्टी को 100 सीटें देने के मूड में नहीं दिख रही है। ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को लेकर बात इतनी आसान नहीं रहने वाली है। 2020 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद तेजस्वी यादव की प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने कहा था चुनाव में कांग्रेस को इतनी सीटें देना रणनीतिक भूल थी। उसके बाद से ही ये कयास लगने लगे कि इस बार के चुनाव में आरजेडी अपनी शर्तों पर गठबंधन करेगी।
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