Bihar Assembly Election 2025 date: बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तारीखों पर नया अपडेट सामने आया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव की तारीखों का ऐलान अगले सप्ताह तक हो सकता है. 30 सितंबर मंगलवार को आखिरी मतदाता सूची प्रकाशित होगी. इलेक्शन कमिशन ऑफ इंडिया के अधिकारी चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए 4 और 5 अक्टूबर को पटना का दौरा करेंगे. बिहार और कुछ विधानसभा उपचुनावों के लिए चुनाव आयोग द्वारा 470 पर्यवेक्षकों की तैनाती की जा रही है. 3 अक्टूबर को नई दिल्ली में सामान्य, पुलिस और व्यय पर्यवेक्षकों की एक ब्रीफिंग भी आयोजित की जाएगी. बिहार में पिछला विधानसभा चुनाव कोविड-19 महामारी के साये में तीन चरणों में हुआ था.
बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट तैयार
बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट 22 वर्षों के अंतराल के बाद मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के समापन के बाद प्रकाशित की जा रही है. ड्राफ्ट वोटर लिस्ट अगस्त को प्रकाशित की गई थी. उस समय चुनाव आयोग ने उसे एक सितम्बर तक व्यक्तियों और राजनीतिक दलों द्वारा “दावों और आपत्तियों” के लिए खोला था. ड्राफ्ट लिस्ट में 7.24 करोड़ मतदाता थे. विपक्षी दलों ने एसआईआर की तीखी आलोचना की है, जिनका दावा है कि इससे करोड़ों वास्तविक नागरिकों के वोटिंग राइट छिन जाएंगे. भारत निर्वाचन आयोग ने जोर देकर कहा है कि वह किसी भी पात्र नागरिक को मतदाता सूची से बाहर नहीं रहने देगा और साथ ही किसी भी अपात्र व्यक्ति को सूची में शामिल नहीं होने देगा.
मुफ्त मतदाता सूची किस-किस पार्टी को मिलेगी
बिहार की फाइनल वोटर लिस्ट सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी और चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाएगी. निर्वाचन अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट कोई भी मतदाता आदेश के पंद्रह दिनों के भीतर जिला मजिस्ट्रेट के समक्ष अपील कर सकता है. यदि मतदाता आदेश के 30 दिनों के भीतर असंतुष्ट रहता है, तो वह मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष पुनः अपील कर सकता है.
इन राजनीतिक दलों को फ्री मिलेगी, इन्हें देना होगा शुल्क
भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, सीपीआई, सीपीआई-एम, नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को मतदाता सूची मुफ्त मिलेगी. वहीं, जन सुराज पार्टी (जेएसपी), लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), बसपा, एआईएमआईएम को शुल्क देना होगा. हार्ड कॉपी के लिए शुल्क प्रति विधानसभा क्षेत्र 100 रुपये है, जबकि पीडीएफ प्रारूप में सॉफ्ट कॉपी की कीमत प्रति विधानसभा क्षेत्र 50 रुपये है. राज्य में 243 निर्वाचन क्षेत्र होने के कारण, पूरी मतदाता सूची की हार्ड कॉपी प्राप्त करने की कुल लागत लगभग 24,300 रुपये होगी. इसके विपरीत, सॉफ्ट कॉपी लेने पर यह खर्च काफी कम होकर लगभग 12,150 रुपये रह जाएगा. चुनाव का पहला चरण छठ पर्व के तुरंत बाद अक्टूबर के अंत में होने की संभावना है. बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त होगा.










