बिहार विधानसभा चुनाव में मैथिली ठाकुर के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है. लोक और भक्ति गायिका के तौर पर मशहूर मैथिली ठाकुर का कहना है कि वह बहुत खुश हैं. वह राजनीति करने या खेल खेलने के लिए बल्कि वह पावर हासिल करना चाहती हैं, जिससे बिहार में बदलाव किया जाए. चुनाव लड़ने की चर्चाओं पर उन्होंने बयान दिया है.
मैथिली ठाकुर ने कहा है कि जिस तरह से मैं तस्वीरें और लेख देख रही हूं, उससे मैं बहुत उत्साहित हूं. मैं उत्सुक हूं लेकिन आधिकारिक घोषणा का इंतजार कर रही हूं. उन्होंने आगे कहा कि मेरा बचपन गांव में बीता, पापा दिल्ली में रहते थे. उस समय के लोग यह समझ सकते हैं कि गुजर-बसर करने के लिए बिहार से बाहर जाना ही पड़ता था. अब लोग घर वापस आना चाहते हैं.
मैथिली ने कहा कि मैं अपने गांव वापस जाना चाहती हूं लेकिन अगर मुझे अपने क्षेत्र की सेवा करने का अधिकार मिलता है तो मेरे लिए इससे बड़ी कोई बात नहीं होगा . मैं राजनीति या खेल खेलने नहीं आ रही हूँ, मेरा लक्ष्य बदलाव लाने के लिए शक्ति पावर हासिल करना है. मुझे अपने हिसाब से बदलाव करना है. अगले 5 साल बिहार के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि मैं कलाकार होने की वजह से देश के अलग-अलग कोने में जाती रहती हूं, हर साल वहां बदलाव देखने को मिलता है. मैंने महसूस किया कि ये सब तो हमारे यहां भी होना चाहिए. हमारे यहां स्कोप है, जगह है. हमारे सीएम नीतीश कुमार ने इतने अच्छे रहे हैं, सबकी जुबान पर नाम है कि मुख्यमंत्री हो तो नीतीश कुमार की तरह हो. नीतीश कुमार जी हमारे लिए जो किया है, उसके लिए हम उनके आभारी हैं.
लोक और भक्ति गायिका मैथिली ठाकुर के बिहार चुनाव लड़ने की खबरों पर उनके पिता रमेश ठाकुर ने कहा कि हम बिहार से पलायन करने वाले लोगों का पहला समूह हैं. एक कारण वहां जातिगत उन्माद का फैलना है. मैं 1995 में चला गया था और अब मैं 30 साल से बिहार से बाहर हूं. बिहार में सब कुछ ठीक था लेकिन लालू यादव के सत्ता में आते ही मुसीबतें शुरू हो गईं. ब्राह्मणों पर हमले होने लगे, बिहार से पलायन करने वालों की किसी को परवाह नहीं है, इस बारे में कुछ किया जाना चाहिए. बिहार के लोगों को वापस लौटना चाहिए और बिहार के लिए काम करना चाहिए.राज्य में एनडीए सरकार बनने के बाद हालात काफी सुधरे हैं.










