Araria News: (अरुण कुमार, अररिया) बिहार सरकार का ग्रामीण कार्य विभाग पिछले एक साल से काफी चर्चाओं में है। अब इस विभाग का एक और कारनामा सामने आया है। दरअसल अररिया जिले के अंतर्गत आते गांव कुशियार में NH 27 के किनारे विभाग की ओर से एक पुल के निर्माण का कार्य 10 साल पहले शुरू करवाया गया था। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत इस पुल के निर्माण पर 2.5 करोड़ रुपये खर्च होने थे। इसके बाद ग्रामीण कार्य विभाग ने इसका निर्माण करवाना शुरू किया, लेकिन ठेकेदार काम को बीच में छोड़कर भाग गया। इसके बाद तो ग्रामीण कार्य विभाग ने जो किया, उसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। विभाग ने पुल तो बनवा दिया, लेकिन चढ़ने के लिए एप्रोच पथ ही नहीं बनवाया, जो सवालों के घेरे में है।
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ग्रामीण कार्य विभाग के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर धनिक लाल मंडल का कहना है कि उन्होंने पुल के स्पैन बढ़ाने को लेकर डिपार्टमेंट को लेटर लिखा था। वहीं, एग्जीक्यूटिव इंजीनियर ने मामले के बारे में और कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। यही नहीं, उन्होंने ठेकेदार का नाम भी नहीं बताया। हैरानी की बात है कि अब अधिकारियों को 10 साल बाद इस पुल के स्पैन बढ़ाने की याद आ रही है। लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या अब तक विभाग सोया था? प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत कोसी नदी पर अररिया के कुशियार गांव में पुल का निर्माण होना था।
कब बनेगा ये पुल pic.twitter.com/fum5q8hm3t
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अधिकारी जवाब देने से बच रहे
इस पुल की कुल लंबाई 58.62 मीटर है, जिसको बनाने का काम 16 जून 2015 को शुरू हुआ था। यह काम जून 2016 में पूरा किया जाना था। पुल के ऊपर कुल 25629560 रुपये लागत आनी थी, लेकिन ठेकेदार बीच में ही जवाब दे गया। अगर इस पुल का निर्माण हो जाता तो NH-27 से जोगबनी का दक्षिणी इलाका सीधे कनेक्ट होता, जिसका फायदा हजारों लोगों को मिलता। हैरानी की बात है कि अब अधिकारी पुल के संदर्भ में जवाब देने से भी बच रहे हैं।