नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल आसनसोल के एक स्पेशल जज ने आरोप लगाया है कि पशु तस्करी मामले में गिरफ्तार टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए उन्हें धमकी भरा पत्र मिला है। पत्र में कहा गया है कि अगर अनुब्रत मंडल की रिहाई सुनिश्चित नहीं की गई तो जज के परिवार के सदस्यों के खिलाफ एनडीपीएस मामले में झूठे केस में फंसाया जाएगा।
बता दें कि पशु तस्करी के एक मामले में टीएमसी नेता अनुब्रत मंडल को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। फिलहाल, अनुब्रत मंडल सीबीआई की हिरासत में है। जानकारी के मुताबिक, आसनसोल एसपीएल सीबीआई कोर्ट के जज राजेश चक्रवर्ती का दावा है कि अनुब्रत मंडल को जमानत की मांग वाला धमकी भरा पत्र मिल रहा है।
जज राजेश चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि उन्हें एक बप्पा चटर्जी के एक पत्र के माध्यम से धमकी मिली, जिसमें कहा गया था कि अगर मंडल को जमानत पर रिहा नहीं किया गया, तो उनके परिवार को एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) मामले में गंभीर आरोपों में फंसाया जाएगा।
Asansol SPL CBI court judge Rajesh Chakraborty claims of getting a threat letter demanding bail for Anubrata Mondal or else his family will be implicated in an NDPS case with a commercial quantity
---विज्ञापन---TMC Birbhum dist pres Anudata Mondal is arrested by CBI in a cattle smuggling case
— ANI (@ANI) August 23, 2022
कौन है अनुब्रत मंडल
बता दें कि पश्चिम बंगाल के पशु तस्करी केस मामले में सीबीआई ने 11 अगस्त को बीरभूम टीएमसी के जिला प्रमुख अनुब्रत मंडल को गिरफ्तार किया था। सीबीआई ने 21 सितंबर, 2020 को भारत-बांग्लादेश सीमा पर अवैध मवेशी तस्करी के सिलसिले में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक पूर्व कमांडर को गिरफ्तार किया था। सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच के दौरान अनुब्रत मंडल का नाम जांच के दायरे में आया था।
स्थानीय जानकारों की माानें तो मंडल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाते हैं। 2020 में सीबीआई की ओर से मामला दर्ज करने के बाद मवेशी तस्करी घोटाला मामले में मंडल का नाम सामने आया। सीबीआई के अनुसार, 2015 और 2017 के बीच सीमा सुरक्षा बल द्वारा 20,000 से अधिक मवेशियों के सिर जब्त किए गए थे।