नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि PFI की तरह जितने भी संगठन हैं, सभी पर प्रतिबंध लगाना चाहिए जिसमें RSS भी शामिल है। उन्होंने कहा कि सबसे पहले RSS को बैन करिए, ये उससे भी बदतर संगठन है।
केंद्र सरकार की ओर से गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा के बाद लालू यादव ने बुधवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। पीएफआई पर प्रतिबंध का जिक्र करते हुए बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद अध्यक्ष ने कहा कि केवल मुस्लिम संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है।
"सबसे पहले RSS को बैन करिए" : @laluprasadrjd
---विज्ञापन---PFI पर बैन के बाद लालू यादव का बयान। #PFIBan pic.twitter.com/J1mfVPh72b
— News24 (@news24tvchannel) September 28, 2022
मीडिया को संबोधित करते हुए राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने आरएसएस की तुलना पीएफआई से की और केंद्र सरकार से सिर्फ पीएफआई पर कार्रवाई पर सवाल उठाया। राजद सुप्रीमो ने कहा, “आरएसएस समेत पीएफआई जैसे हर संगठन पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यह प्रचारित नहीं किया जाना चाहिए कि केवल मुस्लिम संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है। आरएसएस पर पहले भी आपातकाल के दौरान प्रतिबंध लगाया गया था।”
लालू प्रसाद यादव की टिप्पणी तब आई जब कांग्रेस ने भी केवल पीएफआई को टार्गेट करने के लिए भारत सरकार पर सवाल उठाया। कांग्रेस के लोकसभा सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने भी पीएफआई की तुलना आरएसएस से की और बाद में सांप्रदायिकता का आरोप लगाया।
लोकसभा सांसद ने आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग की
केंद्र सरकार द्वारा पीएफआई पर पांच साल के प्रतिबंध की घोषणा के तुरंत बाद कांग्रेस के लोकसभा सांसद कोडिकुन्निल सुरेश ने पीएफआई की तुलना आरएसएस से की। पीएफआई प्रतिबंध पर मीडिया से बात करते हुए सुरेश ने दावा किया कि आरएसएस भी देश में सांप्रदायिकता को कायम रखता है। दोनों संगठनों के बीच त्रुटिपूर्ण तुलना करते हुए उन्होंने तर्क दिया कि जब तक आरएसएस को केंद्र की ओर से प्रतिबंधित नहीं किया जाता तब तक कुछ हासिल नहीं होगा।
‘कोई चयनात्मकता नहीं होनी चाहिए’: जेकेएनसी नेता
केंद्र की घोषणा के बाद नेशनल कांफ्रेंस के प्रांतीय सचिव शेख बशीर ने कहा, “पीएफआई संगठन को आज तक बहुत से लोग नहीं जानते थे। यह हाल ही में देश भर में छापेमारी के कारण प्रकाश में आया है।” उन्होंने आगे कहा कि कोई चयनात्मकता नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आरएसएस पर भी एक बार प्रतिबंध लगाया गया था। आरएसएस धर्म के नाम पर गतिविधियों का संचालन करता रहा है। इसकी गतिविधियों को क्यों नहीं देखा जाता है?
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