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हाईकोर्ट का आदेश उपराज्यपाल के खिलाफ अपमानजनक सामग्री को हटाए आप

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ इंटरनेट पर डाली ‘अपमानजनक’ सामग्री को हटाने का निर्देश दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक कोर्ट ने आप नेताओं द्वारा दिए गए विभिन्न बयानों, साक्षात्कारों, प्रेस कॉन्फ्रेंस, ट्वीट, री-ट्वीट […]

Author Edited By : Amit Kasana Updated: Sep 28, 2022 11:10
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नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अंतरिम आदेश में आम आदमी पार्टी और उसके नेताओं को उपराज्यपाल वीके सक्सेना के खिलाफ इंटरनेट पर डाली ‘अपमानजनक’ सामग्री को हटाने का निर्देश दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआई की खबर के मुताबिक कोर्ट ने आप नेताओं द्वारा दिए गए विभिन्न बयानों, साक्षात्कारों, प्रेस कॉन्फ्रेंस, ट्वीट, री-ट्वीट और हैशटैग को हटाने को कहा है।

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सुनवाई के दौरान अदालत ने माना ‘प्रथम दृष्टया, प्रतिवादियों द्वारा किए गए विभिन्न बयान, साक्षात्कार, प्रेस कॉन्फ्रेंस, ट्वीट, री-ट्वीट और हैशटैग प्रति से मानहानिकारक हैं। इन्हें बिना किसी तथ्यात्मक सत्यापन के, लापरवाह तरीके से बनाया गया है। इससे वादी की प्रतिष्ठा धूमिल हुई।

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अदालत ने कहा कि एक व्यक्ति की प्रतिष्ठा वर्षों बाद अर्जित की जाती है और इसे किसी अन्य व्यक्ति द्वारा आकस्मिक तरीके से खराब नहीं किया जा सकता है। ‘किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को होने वाली क्षति इंटरनेट पर तत्काल और दूरगामी है। जब तक विवादित सामग्री प्रचलन में बनी रहती है और सोशल मीडिया पर दिखाई देती है, तब तक इससे प्रतिष्ठा और छवि को लगातार नुकसान होने की संभावना है’।

पेश याचिका में कहा गया था कि आप नेताओं ने उपराज्यपाल पर नोटबंदी के दौरान भ्रष्ट आचरण का आरोप लगाया था। इस मामले में दिल्ली के उपराज्यपाल ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था। याचिका में दुर्गेश पाठक, सौरभ भारद्वाज, आतिशी मार्लेना, संजय सिंह और जैस्मीन शाह सहित आप नेताओं को उनके खिलाफ इंटरनेट पर इस तरह के आरोप लगाने से रोक लगाने की मांग की गई थी।

 

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First published on: Sep 27, 2022 07:17 PM

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