नई दिल्ली: दीपक भोरिया (51 किग्रा), मोहम्मद हसामुद्दीन (57 किग्रा) और निशांत देव (71 किग्रा) ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतकर भारत के लिए अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। हसामुद्दीन अपने सेमीफाइनल बाउट से लगभग एक घंटे पहले घुटने की चोट से जूझे। आखिरकार उन्हें सेमीफाइनल से बाहर होकर कांस्य से संतोष करना पड़ा।
दूसरी ओर, दीपक दो बार के विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता फ्रांस के बिलाल बेनामा से करीबी मुकाबले में 3-4 से हार गए। निशांत को भी सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा। उन्हें 2022 एशियाई चैंपियन और 2018 एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता कजाकिस्तान के असलानबेक शिमबर्गेनोव के पक्ष में निर्णय देने के बाद हार मिली।
पहली विश्व चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे हसामुद्दीन
बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीएफआई) ने एक बयान में कहा- हुसामुद्दीन को चोट के कारण वॉकओवर देकर कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। आखिरी मुकाबले में उनके घुटने में चोट लग गई थी, जिसके बाद दर्द और सूजन हो गई थी। मेडिकल टीम द्वारा मूल्यांकन के बाद टीम प्रबंधन ने फैसला किया है कि वह सेमीफाइनल बाउट में हिस्सा नहीं लेंगे। वह नहीं चाहते कि चोट बढ़ जाए। हसामुद्दीन अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप में प्रतिस्पर्धा कर रहे थे, उन्हें क्यूबा के सैदेल होर्ता का सामना करना था।