नई दिल्ली: जहां एक ओर फीफा वर्ल्ड कप का रोमांच चरम पर है तो वहीं दूसरी ओर फुटबॉल फैंस के लिए दुखद खबर सामने आई है। रिपोर्टों के अनुसार, 26 वर्षीय ईरानी पेशेवर फुटबॉलर आमिर नस्र-अजादानी को महिलाओं के अधिकारों के लिए अभियान चलाने के बाद फांसी की सजा सुनाई गई है। खिलाड़ी को ‘मोहरबेह’ करने के लिए गिरफ्तार किया गया है। इस फारसी शब्द का इस्तेमाल मोटे तौर पर ‘भगवान के खिलाफ युद्ध छेड़ने’ के लिए किया जाता है। ईरान में हाल के महीनों में सर्वोच्च नेता अली खमेनेई के शासन के खिलाफ लोगों ने विद्रोह कर दिया है।
कौन हैं आमिर नस्र-आजादानी?
नस्र-अजादानी मध्य ईरान के एक शहर इस्फ़हान के रहने वाले एक पेशेवर फुटबॉल खिलाड़ी हैं। एक डिफेंडर के रूप में खेलते हुए उन्होंने सेपहान में अपने पेशेवर करियर की शुरुआत की। इसके बाद वह 2015 में राह अहान क्लब चले गए। एक साल के बाद नस्र-अज़ादानी Tractor S.C में चले गए जहां उन्होंने चोट लगने से पहले कुछ सीजन बिताए। ठीक होने के बाद उन्होंने गोल-ए रेहान, सिपाहान नोविन और ईरानजावन एफसी का प्रतिनिधित्व किया।
ये हैं आरोप
फुटबॉलर के खिलाफ कई आरोप लगाए गए हैं। नस्र-अज़ादानी ईरान में चल रही अशांति के बीच महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए सक्रिय रूप से अभियान चला रहे हैं। महसा अमिनी की मौत के बाद से ईरान को देशव्यापी विरोध का सामना करना पड़ रहा है। अमिनी को हिजाब पहनने के नियमों का पालन नहीं करने के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया था।
खिलाड़ियों ने नहीं गाया राष्ट्रगान
फीफा विश्व कप 2022 के दौरान ईरानी राष्ट्रीय टीम के खिलाड़ियों ने भी राष्ट्रगान नहीं गाकर शासन के खिलाफ विरोध जताया था। रिपोर्टों से पता चलता है कि शासन ने कर्नल एस्माईल चेराघी की कथित हत्या के लिए नस्र-अज़ादानी और ईरान की स्वैच्छिक अर्धसैनिक सेवा के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) ने कर्नल चेराघी की हत्या के लिए इस्फ़हान से तीन लोगों को हिरासत में लिया है। फुटबॉलर नस्र-अज़ादानी के तीनों में शामिल होने की सूचना है।
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