नई दिल्ली: इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) की मुख्य कार्यकारी समिति (ECE) आईसीसी वार्षिक सम्मेलन के हिस्से के रूप में अगले सप्ताह डरबन में मीटिंग करेगी। सीईसी एजेंडे में एक फ्रेंचाइजी-आधारित ट्वेंटी-20 प्रतियोगिताओं की बढ़ती संख्या के लिए नियम बनाना है। 11 जुलाई को सीईसी की बैठक से पहले मुख्य कार्यकारी निकाय के लिए तीन एसोसिएट सदस्यों का चयन करने के लिए चुनाव होगा।
टी20 लीग को लेकर चर्चा ने पकड़ा जोर
पिछले महीने लंदन में वर्किंग ग्रुप की बैठक के बाद टी20 लीग को लेकर चर्चा ने जोर पकड़ लिया है। समूह ने खिलाड़ियों की उपलब्धता पर टी20 लीग के प्रभाव के मामले में नेशनल बोर्ड्स, विशेष रूप से क्रिकेट वेस्टइंडीज और इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ECB) द्वारा उठाई गई चिंताओं को दूर करने के लिए सिफारिशें दी हैं। संयुक्त अरब अमीरात में ILT20 और अमेरिका में मेजर लीग क्रिकेट (MLC) जैसी लीगों का बढ़ता प्रभाव चिंता का विषय है, जिसने कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों को आकर्षित किया है।
इंटरनेशनल खिलाड़ियों की संख्या पर प्रतिबंध की मांग
हालांकि ICC ने इन लीगों के लिए अनुमति दे दी है, लेकिन किसी भी निर्णय को पलटने में उसे चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इंग्लिश और वेस्ट इंडीज बोर्ड ने इन लीगों में वर्तमान और रिटायर दोनों अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ियों की संख्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है, जो 4 से अधिक नहीं होनी चाहिए। उनका यह भी सुझाव है कि प्रत्येक बोर्ड को खिलाड़ी की फीस का 10 प्रतिशत अपने घरेलू बोर्ड को देना चाहिए।
कुछ नियम पेश किए जा सकते हैं
क्रिकबज की खबर के अनुसार, विभिन्न हितधारकों, प्रसारकों और हाई प्रोफाइल फ्रेंचाइजी मालिकों द्वारा किए गए महत्वपूर्ण निवेश को ध्यान में रखते हुए यह संभावना नहीं है कि पूर्ण प्रतिबंध लगाए जाएंगे। हालांकि, मामले से परिचित सूत्रों का सुझाव है कि भविष्य की लीगों के लिए कुछ नियम पेश किए जा सकते हैं। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का रुख इस संबंध में महत्वपूर्ण है। प्रस्ताव को सिरे से खारिज करने से भी इंकार नहीं किया गया है। एजेंडे में अन्य विषयों में फेंटेसी गेमिंग में है। आईसीसी का लक्ष्य फेंटेसी गेमिंग को केंद्रीकृत करना है। हो सकता है कि क्रिकेट से संबंधित किसी भी गेमिंग एक्टिविटी को वैश्विक निकाय के माध्यम से गुजरना पड़े।