नई दिल्ली: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर में 9 फरवरी से शुरू होने वाली बॉर्डर-गावस्कर टेस्ट सीरीज की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। पिच को लेकर चल रही चर्चा के बीच खबर है कि ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज पीटर हैंड्सकॉम्ब चार साल बाद टेस्ट क्रिकेट में वापसी कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया 31 साल के हैंड्सकॉम्ब को पेश कर अपने भारी भरकम बाएं हाथ के बल्लेबाजी को कम करने पर विचार कर रहा है।
हैंड्सकॉम्ब प्रमुख दावेदार बन गए हैं
कहा जा रहा है कि ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन के अंगुली की चोट के कारण बाहर होने के बाद हैंड्सकॉम्ब प्रमुख दावेदार बन गए हैं। अगर हैंड्सकॉम्ब को प्लेइंग इलेवन में जगह मिलती है तो वे चार साल बाद उसी टीम के खिलाफ वापस अपने करियर की शुरुआत करेंगे, जहां से उनका टेस्ट क्रिकेट लगभग खत्म हो गया था। उन्होंने भारत के खिलाफ ही 3 जनवरी 2019 को सिडनी में अपना आखिरी टेस्ट खेला था। संयोग से वह टीम इंडिया के खिलाफ ही वापस अपना करियर शुरू कर सकते हैं।
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कौन हैं पीटर हैंड्सकॉम्ब?
अनूठी तकनीक के साथ मध्य क्रम के बल्लेबाज पीटर हैंड्सकॉम्ब ने घरेलू टीम विक्टोरिया के लिए शानदार प्रदर्शन करने के बाद 2016-17 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया था। एडिलेड में उन्होंने डेब्यू मैच में 54 रन बनाए। गाबा में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ अपने अगले टेस्ट में पहला शतक जमाया। टेस्ट क्रिकेट के अपने पहले समर सीजन के अंत तक हैंड्सकॉम्ब टेस्ट क्रिकेट की पहली सात पारियों में से किसी में भी 50 से नीचे आउट नहीं हुए। वह टेस्ट इतिहास में ये अनोखी उपलब्धि हासिल करने वाले पहले खिलाड़ी बने थे। टेस्ट डेब्यू करने के बाद उन्होंने घरेलू लीग शेफील्ड शील्ड में करियर के सर्वश्रेष्ठ 215 रन बनाए। वह प्रतियोगिता के तीसरे प्रमुख रन स्कोरर थे।
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पाकिस्तान के खिलाफ किया वनडे डेब्यू
हैंड्सकॉम्ब ने 2017 में पाकिस्तान के खिलाफ वनडे डेब्यू किया, जिसके बाद वह भारत और बांग्लादेश के दौरे पर गए। रांची और चटगांव में उन्होंने शानदार मैच जिताऊ पारियां खेलीं, लेकिन 2017-18 एशेज के दौरान तेज गेंदबाजी के खिलाफ उनकी तकनीक पर सवाल उठने लगे। दो टेस्ट के बाद उन्हें अपनी जगह गंवानी पड़ी। केप टाउन में गेंद से छेड़छाड़ कांड के बाद दक्षिण अफ्रीका के दौरे पर उन्हें जोहान्सबर्ग में वापस बुलाया गया। स्टीव स्मिथ और डेविड वार्नर के निलंबन के बाद टीम में उनकी जगह लगातार पक्की मानी जा रही थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ए के भारत दौरे के बाद उनके करियर में उतार-चढ़ाव आना शुरू हो गया।
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भारत दौरे पर किया था टी-20 डेब्यू
उन्हें भारत और श्रीलंका के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला के दौरान वापस बुलाया गया, लेकिन फिर टीम से हटा दिया गया। इसके बाद फिर वापस बुला लिया गया, लेकिन फिर से हटा दिया गया। इस बीच, उन्होंने मध्य क्रम खिलाड़ी के रूप में खुद की जगह बनाई। हैंड्सकॉम्ब ने भारत दौरे पर एक विकेटकीपर के रूप में अपना टी20ई डेब्यू किया था, जबकि मोहाली में 359 रनों के रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करने के दौरान शानदार शतक बनाया। स्मिथ की वापसी के कारण 13 वनडे खेलने के बावजूद उन्हें 2019 विश्व कप टीम से बाहर रखा गया था। चोट के विकल्प के रूप में उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल के लिए टीम में शामिल किया गया था, लेकिन केवल 4 रन बना सके। इसमें ऑस्ट्रेलिया को भारी हार का सामना करना पड़ा। हैंड्सकॉम्ब ने 2015 में ऑस्ट्रेलिया ए की कप्तानी की। वह 2015 में ऑस्ट्रेलिया की वनडे टीम का भी हिस्सा रहे।
जूनियर टेनिस खिलाड़ी थे
हैंड्सकॉम्ब के माता-पिता ऑस्ट्रेलियाई मूल के हैं। उनके पास ब्रिटिश पासपोर्ट भी है। हैंड्सकॉम्ब एक प्रतिभाशाली जूनियर टेनिस खिलाड़ी थे, लेकिन उन्होंने कोर्ट के बजाय पिच पर अपना करियर चुना। उन्होंने 2018-19 में ऑस्ट्रेलियाई एक दिवसीय घरेलू खिताब के लिए विक्टोरिया की कप्तानी की। उन्हें 2020 सीजन से पहले मिडिलसेक्स का कप्तान नियुक्त किया गया था।
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