नई दिल्ली: भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तहत गुरुवार को सुबह 9.30 बजे से शुरू होने जा रहे पहले टेस्ट को लेकर चर्चाएं तेज हैं। नागपुर की पिच को लेकर काफी बात हो रही है। ऑस्ट्रेलिया का आरोप है कि भारत ने अपने फायदे के लिए पिच से छेड़छाड़ की है। इस बीच भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर का बड़ा बयान सामने आया है। गावस्कर ने टेस्ट सीरीज से पहले ऑस्ट्रेलिया के ‘माइंड गेम खेलने’ की कड़ी आलोचना की। पूर्व कप्तान ने सीधा सपाट जवाब देकर ऑस्ट्रेलिया की वाट लगा डाली।
दरअसल, ये विवाद तब शुरू हुआ जब इयान हीली ने भारत में पिचों पर कमेंट किया। इसके बाद उनके समर्थन में कई पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर कूद पड़े। गावस्कर ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्रिस्बेन में दो दिनों में समाप्त हुए टेस्ट मैच का उदाहरण दिया और कहा कि ऑस्ट्रेलिया के पास आलोचना करने की कोई स्थिति नहीं है।
पिचों के बारे में बात करके दिमागी खेल शुरू कर दिया है
गावस्कर ने कहा- ऑस्ट्रेलियाई लोगों ने उन पिचों के बारे में बात करके दिमागी खेल शुरू कर दिया है जो पिछली बार यहां दौरे पर थे। एक देश जहां टेस्ट मैच दो दिनों में खत्म हो जाता है, उसे भारतीय पिचों के बारे में विलाप करने का कोई अधिकार नहीं है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्रिस्बेन में महज दो दिनों में खेल खत्म हो गया था। यह केवल दो दिनों में खेल खत्म होने की बात नहीं है, बल्कि जिस तरह की पिच तैयार की गई थी उसके बारे में है। गेंद के सभी जगह उछाल लेने की वजह से ये क्रिकेटरों के जीवन के लिए खतरनाक थी। टर्नर पर एकमात्र मुद्दा प्रतिष्ठा है।
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𝐓𝐡𝐞 𝐝𝐚𝐲 𝐰𝐞 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐰𝐚𝐢𝐭𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐨𝐫 𝐚𝐧𝐝 𝐭𝐡𝐞 𝐬𝐞𝐫𝐢𝐞𝐬 𝐰𝐞 𝐡𝐚𝐯𝐞 𝐛𝐞𝐞𝐧 𝐩𝐫𝐞𝐩𝐚𝐫𝐢𝐧𝐠 𝐟𝐨𝐫!
The Border-Gavaskar Trophy is upon us! Let's get this rolling!#INDvAUS @mastercardindia pic.twitter.com/a8awUcQOqh
— BCCI (@BCCI) February 8, 2023
— BCCI (@BCCI) February 8, 2023
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स्पिन को ठीक से खेलने की क्षमता अच्छे बल्लेबाज की निशानी
पिछले कुछ दिनों में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने मेजबानों के लिए पसंद की पिच के रूप में एक से अधिक बार रैंक टर्नर की भविष्यवाणी की है। गावस्कर ने कहा कि स्पिन गेंदबाजी को ठीक से खेलने की क्षमता एक अच्छे बल्लेबाज की निशानी है और इसके परिणामस्वरूप ऐसी पिच दोनों पक्षों के लिए एक चुनौती होगी। “ब्रिस्बेन में दो दिवसीय समापन ने दिखाया कि दोनों टीमों के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज संघर्ष कर रहे थे। बेशक मीडिया के कुछ वर्गों ने यह कहते हुए बहाने बनाए कि यह बल्लेबाजों का खेल है। फिर पहले दिन से जब पिचें टर्न लेती हैं तो वे क्यों आलोचना करते हैं। स्पिन खेलना ‘बल्लेबाज’ के लिए अंतिम चुनौती है क्योंकि यह उसके फुटवर्क की परीक्षा लेता है। वहां गेंदबाज के साथ भी दिमागी खेल होता है, इसलिए यहां शतक या उससे अधिक बनाने वालों को महान बल्लेबाजों के रूप में पहचाना जाएगा।
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