नई दिल्ली: इस साल होने वाले एशिया कप पर घमासान मचा हुआ है। कहा जा रहा है कि पाकिस्तान से एशिया कप की मेजबानी छिनना तय है। इसे पाकिस्तान के बिना ही खेला जाएगा। हालांकि इस बारे में एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) का आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। इस बीच टूर्नामेंट को लेकर पाकिस्तान-श्रीलंका में अनबन शुरू हो गई है। दरअसल, श्रीलंका क्रिकेट ने एशिया कप की मेजबानी में रुचि दिखाई है, इसके बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) खफा हो गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने श्रीलंका के एकदिवसीय श्रृंखला के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है।
श्रीलंका ने दिखाई टूर्नामेंट में रुचि
पीसीबी और एसएलसी के बीच तनाव और बढ़ गए जब एसएलसी ने नजम सेठी के प्रस्तावित ‘हाइब्रिड मॉडल’ का पालन करने के बजाय एशियाई टूर्नामेंट की मेजबानी करने को प्राथमिकता दी। इस मॉडल के जरिए शुरू में पाकिस्तान में चार मैच आयोजित करने और फिर दूसरे चरण को संयुक्त अरब अमीरात में स्थानांतरित करने का सुझाव दिया गया था।
जुलाई में वनडे सीरीज से किया मना
रिपोर्ट के अनुसार, दोनों बोर्डों के बीच तनावपूर्ण संबंध यही कारण है कि पीसीबी ने इस साल जुलाई में अपनी दो टेस्ट मैचों की श्रृंखला के साथ कुछ एकदिवसीय मैच खेलने के श्रीलंका के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। पीसीबी सूत्र ने कहा- ‘यह स्पष्ट संकेत है कि पीसीबी सितंबर में एशिया कप की मेजबानी की पेशकश करने के लिए श्रीलंकाई बोर्ड के कदम से खुश नहीं है।
बाद में बदल लिया रुख
बोर्ड ने शुरुआत में प्रस्ताव पर खुलापन दिखाया था, लेकिन बाद में अपना रुख बदल लिया। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नजम सेठी ने बांग्लादेश और अफगानिस्तान बोर्डों की प्रतिक्रियाओं पर निराशा व्यक्त की, क्योंकि उन्होंने एशिया कप 2023 के लिए उनके हाइब्रिड मॉडल प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया।
सेठी की उम्मीदों को लगा झटका
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि सेठी ने अनुमान लगाया था कि श्रीलंका के साथ पाकिस्तान ने ऐतिहासिक रूप से सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखे हैं। सेठी को उम्मीद थी कि श्रीलंका बांग्लादेश, अफगानिस्तान बीसीसीआई और अन्य एशियाई क्रिकेट परिषद बोर्ड के सदस्यों को प्रस्ताव के साथ जाने और एशिया कप के पाकिस्तान में कम से कम तीन से चार मैच खेलने के लिए मनाएगा, लेकिन इसके उलट हुआ।