1983 World Cup: भारतीय क्रिकेट के लिए आज यानी 25 जून का दिन बेहद खास है। ये वही दिन था जब टीम इंडिया ने 1983 में अपना पहला विश्वकप जीता था। लॉर्ड्स के मैदान पर कपिल देव की कप्तानी में भारत ने वेस्टइंडीज को 43 रनों मात देकर इतिहास रचा था। इस खिताबी जीत के बाद से भारतीय क्रिकेट बदल गई। भले ही भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड आज दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड है, लेकिन 1983 के हालात जुदा थे।
आपको जानकर यकीन नहीं होगा कि जब खिलाड़ी खिताब जीतकर वापस आए तो बीसीसीआई के पास उन्हें ईनाम के तौर पर देने के लिए पैसे नहीं थे। हम आपके लिए आज ये भी बताएंगे कि 1983 में पहला विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम को कितनी रकम ईनाम के तौर पर मिली थी।
खिताब जीतने पर मिले थे 66,200 पाउंड
सबसे पहले बात करते हैं कि खिताब जीतने पर टीम इंडिया को कितनी राशि मिली थी। टीम इंडिया वर्ल्ड कप विनर बनन से पहले एक दशक में सिर्फ 40 मैच खेली थी। लेकिन जब उनसे आईसीसी की पहली ट्रॉफी जीती तो उस वक्त टीम को ईनाम के दौर पर करीब 66,200 पाउंड (करीब 9 लाख 93 हजार रुपये) मिले थे।
Each one of them deserve 10 Cr. pic.twitter.com/BzBYSgqit6
---विज्ञापन---— Makarand Waingankar (@wmakarand) July 16, 2019
मैच फीस मिलती थी 1500 रुपए
अगर 1983 में मैच के हिसाब से बात करें तो कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप विजेता टीम को मात्र 1500 रुपये मैच फीस के रूप में और दैनिक भत्ते के रूप में प्रतिदिन 200 रुपये मिले थे। कप्तान, उप-कप्तान और यहां तक कि टीम मैनेजर सहित सभी को समान राशि मिलती थी।
खिलाड़ियों को मिले थे 1-1 लाख रुपए
इंग्लैंड में वेस्टइंडीज को हराकर खिताब जीतने के बाद जब टीम इंडिया वापस वतन लौटी थी तो बीसीसीआई के पास खिलाड़ियों को सम्मानित करने के लिए भी पैसे नहीं थे। ऐसे में महान गायिका लता मंगेशकर ने कंसर्ट के जरिए 20 लाख रुपये जुटाए थे। तब टीम इंडिया को सदस्यों को एक-एक लाख रुपये इनाम के तौर पर मिले थे।
2011 के विश्वकप में मिले थे 50 करोड़ रुपए
1983 के बाद भारत ने दूसरा वनडे विश्वकप 2011 में जीता था। इस विश्व कप में कुल ईनामी राशि 75.95 करोड़ थी। इसमें से 22.78 करोड़ विजेता टीम को दिए गए थे, जबकि 11.39 करोड़ उपविजेता टीम को दिए गए थे। इसके बाद बीसीसीआई ने भी खिलाड़ियों पर खूब पैसे लुटाया और पहले एक-एक करोड़ रुपये देने का एलान किया था, जब खिलाड़ी खुश नहीं हुए तो दो करोड़ रुपये कर दिए गए थे। वहीं सपोर्ट स्टाफ को 50-50 लाख रुपये दिए गए थे।