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बेंगलुरु में टीम इंडिया दोहराओ वानखेड़े वाला इतिहास, चिन्नास्वामी को भी है कप्तान रोहित से करिश्मे की आस

बेंगलुरु टेस्ट में भले ही टीम इंडिया पूरी तरह से बैकफुट पर हो, लेकिन हर कोई भारतीय टीम से साल 2004 में दर्ज की गई ऐतिहासिक जीत को दोहराने की उम्मीद कर रहा है। हर क्रिकेट फैन को रोहित की पलटन से चमत्कार की आस है।

Author Edited By : News24 हिंदी Updated: Oct 19, 2024 20:00
TEam India

IND vs NZ 1st Test: साल 2004 और वानखेड़े का मैदान। भारतीय टीम के सामने दिग्गजों से सजा ऑस्ट्रेलिया का बैटिंग ऑर्डर। चौथी पारी में सिर्फ 107 रन का बचाव करने की मुश्किल चुनौती। उस वक्त भी भारतीय टीम की हार हर कोई तय मान रहा था और कंगारू सातवें आसमान पर थे। हालांकि, उसके बाद ऑस्ट्रेलिया की दूसरी और मैच की चौथी पारी में जो घटा, वो इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो गया। हरभजन, कुंबले और मुरली कार्तिक की तिकड़ी ने घूमती गेंदों का ऐसा जादू चलाया कि कंगारू बैटिंग ऑर्डर ताश के पत्तों की तरह बिखर गया और पूरी टीम सिर्फ 93 रन पर ढेर हो गई।

107 रन का टारगेट रखने के बावजूद टीम इंडिया 13 रन से जीत दर्ज करने में सफल हो गई। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी मैदान पर एक बार फिर लक्ष्य 107 का ही है। ऑस्ट्रेलिया की जगह इस बार सामने न्यूजीलैंड है। हर कोई कप्तान रोहित शर्मा और भारतीय टीम से 2004 वाले करिश्मे की उम्मीद एक बार फिर 20 साल बाद कर रहा है।

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क्या न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में जीत दर्ज कर पाएगी टीम इंडिया?

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तीन स्पिनर्स ने ही किया था वानखेड़े में कमाल

भारत ने वानखेड़े के मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जो ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी, उसमें तीन स्पिनर्स का सबसे बड़ा हाथ रहा था। हरभजन-कुंबले और मुरली कार्तिक ने मिलकर कंगारुओं को पानी पिलाया था। बेंगलुरु में भी भारतीय टीम कुछ इसी तरह तीन स्पिनर्स के साथ ही उतरी है। कुलदीप यादव, आर अश्विन और रविंद्र जडेजा। अब अगर यह तिकड़ी मिलकर 2004 की तरह अपनी फिरकी के जाल में न्यूजीलैंड के बल्लेबाजों को फंसाने में सफल हो जाए, तो टीम इंडिया एक बार फिर गेंदबाजों के बूते टेस्ट में ऐतिहासिक जीत का स्वाद चख सकती है।

बूम-बूम बुमराह होंगे अहम कड़ी

स्पिनर्स के साथ-साथ भारतीय टीम को नई गेंद से अपने स्टार गेंदबाज जसप्रीत बुमराह से पांचवें दिन काफी आस होगी। चौथे दिन बुमराह ने भले ही सिर्फ चार गेंदें ही डाली, लेकिन वो चारों ही हवा में लहराई थी। अब बूम-बूम कुछ इसी तरह से टेस्ट के आखिरी दिन अपना कमाल दिखा दें, तो असंभव से लग रही जीत संभव हो सकती है। हालांकि, बुमराह को दूसरे छोर से मोहम्मद सिराज का भी साथ चाहिए होगा और हम सभी जानते हैं कि अपना दिन होने पर सिराज किस तरह से बल्लेबाजों को दिन में तारे दिखाने का दमखम रखते हैं।

 

First published on: Oct 19, 2024 08:00 PM

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