Suryakumar Yadav IND vs SA: 16 ओवर बाद 88/7।125 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए साउथ अफ्रीका का यह स्कोर था। भारतीय टीम मैच में पूरी तरह से हावी थी और जीत की खुशबू आने लगी थी। टीम इंडिया एक यादगार जीत की तरफ बढ़ रही थी और इंडियन स्पिनर्स का जादू सिर चढ़कर बोल रहा था। ट्रिस्टन स्टब्स प्रोटियाज टीम के लिए अकेले लड़ाई लड़ने का प्रयास कर रहे थे। हालांकि, इसके बाद 17वें और फिर 18वें ओवर में सूर्यकुमार यादव की खराब कप्तानी ने मुकाबले का रुख ही पूरी तरह से पलटकर रख दिया। भारतीय टीम की जीत सिर्फ इन्हीं दो ओवर में हार में तब्दील हो गई। कप्तान सूर्या का गलत फैसला टीम इंडिया पर भारी पड़ गया।
सूर्या का फैसला पड़ गया भारी
दरअसल, साउथ अफ्रीका 88 के स्कोर पर 7 विकेट गंवाकर मुश्किल में थी। वरुण चक्रवर्ती ने अपने चार ओवर के स्पेल में 5 विकेट झटके थे, जबकि रवि बिश्नोई भी गकेबरहा में कारगर साबित हो रहे थे। स्पिनर्स के लिए मददगार पिच की बात को जानते और समझते हुए भी कप्तान सूर्यकुमार यादव ने 17वें ओवर की जिम्मेदारी अर्शदीप सिंह को सौंप दी। ठीक तरह से बैटिंग भी नहीं कर पाने वाले गेराल्ड कोएत्जी ने अर्शदीप की पेस का भरपूर फायदा उठाया और ओवर में एक सिक्स और चौका जमा दिया। अर्शदीप के ओवर से आए 12 रन।
Poor Captaincy by Suryakumar yadav here.🤡
South Africa was struggling against spinners But sky just gave only one over to AXAR patel.🤡🤡👏🏻👏🏻#SuryakumarYadav #INDvSA pic.twitter.com/FB9oxEeK2J— 𝐆.𝐎.𝐀.𝐓 ⁹³🐐 (@THEGOATBUMRAH) November 10, 2024
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अक्षर को क्यों नहीं सौंपी गई गेंद?
मैच में अक्षर पटेल ने सिर्फ एक ओवर डाला था और उसमें भी महज 2 रन खर्च किए थे। अर्शदीप के ओवर से 12 रन आ चुके थे। मैच की नाजुक स्थिति और स्पिनर्स को मिल रही मदद के बावजूद कप्तान सूर्यकुमार ने फिर वही गलती दोहराई और 18वें ओवर डालने के लिए आवेश खान को बुला लिया। सूर्यकुमार का यह दांव भी एकदम उल्टा पड़ा। आवेश के खिलाफ कोएत्जी ने लगातार दो चौके जमाते हुए दबाव को मानो एकदम खत्म कर दिया। 18 ओवर खत्म होने के बाद साउथ अफ्रीका को जीत के लिए अब महज 13 रन बचे। अर्शदीप के अगले ही ओवर में स्टब्स ने तीन चौके जमाने के साथ ही साउथ अफ्रीका की जीत पर मुहर लगा दी।
सूर्यकुमार यादव अगर 17वां ओवर डालने का जिम्मा अक्षर पटेल को सौंपते, तो शायद मैच का रिजल्ट कुछ और हो सकता था। गेराल्ड कोएत्जी स्पिन के खिलाफ संघर्ष करते हैं और अगर उस समय उनका विकेट मिल जाता, तो भारतीय टीम की जीत पक्की हो जाती। हालांकि, कप्तान सूर्या का फैसला ही टीम इंडिया पर भारी पड़ गया।