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एक नहीं 2 देशों के लिए जीते ओलंपिक मेडल, अब भारत को बना रहीं चैंपियन, कौन हैं मनु भाकर-सरबजोत सिंह की कोच

Paris Olympic Games 2024: भारतीय शूटर्स ने फिर से कमाल कर दिया है। इस बार भी कॉमन फैक्टर रहा मनु भाकर। महिला सिंंगल्स में कांस्य पदक जीतने वाली भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल के मिक्स्ड डबल्स इवेंट में सरबजोत सिंंह के साथ मिलकर कांस्य पदक जीत लिया है। आइए जानते हैं भारतीय टीम की कोच के बारे में...

Edited By : Amit Kumar | Updated: Jul 30, 2024 15:40
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Munkhbayar Dorjsuren
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Manu Bhakar Sarabjot Singh won Bronze Medal in Paris Olympics: पेरिस ओलंपिक में मंगलवार का दिन तमाम भारतीयों के लिए शुभ मंगल साबित हुआ। 2024 के ओलंपिक में भारत के लिए खाता खोलने वाली शूटर मनु भाकर एक बार फिर से अपनी पिस्टल के साथ तैयार थी। उनका साथ निभाने के लिए साथ में थे हरियाणा के ही सरबजोत सिंह। दोनों युवाओं के कंधों पर 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में कांस्य पदक दिलाने की जिम्मेदारी थी, जिसे उन्होंने बखूबी निभाया।

पेरिस ओलंपिक के मिक्स्ड डबल्स 10 मीटर एयर पिस्टल में कांस्य पदक मुकाबले में जैसे ही इन दोनों ने कोरिया को मात दी, भारत ने नया इतिहास रच दिया। आजाद भारत के इतिहास में एक ही ओलंपिक में दो मेडल जीतने वाली मनु भाकर पहली एथलीट बन गई हैं। उनसे पहले यह कारनामा 1900 में नॉर्मन पिचर्ड ने किया था। पूरे मुकाबले के दौरान स्टैंड्स में बैठे लोगों में एक शख्स बार-बार जोश भरने में लगी हुई थी।

जब भी कोरियाई टीम आगे निकलती या भारत का निशाना गड़बड़ाता तो यही महिला बार-बार हौसलाअफजाई करते हुए लोगों को तालियां जारी रखने के लिए कहती रही। यह महिला जो लोगों में ‘इंडिया-इंडिया’ के नारे लगाने के लिए जोश भर रही थी, वह एक इंडियन नहीं बल्कि एक मंगोलियाई खिलाड़ी है। हम बात कर रहे हैं भारत की पिस्टल टीम की कोच मुखबायर दोरसुरेन की। मुखबायर पूरे इवेंट के दौरान मनु और सरबजोत का हौसला बढ़ाती रहीं।

दो बार की ओलंपिक मेडलिस्ट

मुखबायर का जन्म मंगोलिया में हुआ, लेकिन बाद में उन्होंने जर्मनी की नागरिकता ले ली। साल 2022 में वह भारतीय टीम के साथ कोच के तौर पर जुड़ गई थीं। मुखबायर ओलंपिक में जर्मनी और मंगोलिया दोनों ही देशों का प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं और रोचक बात यह भी है कि दोनों ही देशों को ओलंपिक मेडल दिला चुकी हैं। साल 1992 में उन्होंने 25 मीटर एयर पिस्टल में मंगोलिया के लिए कांस्य पदक जीता था। फिर 2008 में बीजिंग ओलंपिक में भी उन्होंने कमाल दिखाया। इसी इवेंट में जर्मनी को कांस्य पदक दिलाया। इसके अलावा वह 10 मीटर एयर पिस्टल प्रतियोगिता में भी भाग ले चुकी हैं।

 

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वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड

इसके अलावा वह वर्ल्ड चैंपियन भी रह चुकी हैं। 1998 में उन्होंने मंगोलिया के लिए वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती, फिर 2002 में जर्मनी के लिए वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल दिलाया। उनके भारतीय टीम के साथ जुड़ने से खिलाड़ियों के खेल में काफी निखार आया है। उन्हीं की निगरानी में सरबजोत सिंह जैसे युवाओं ने शानदार प्रदर्शन किया है।

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First published on: Jul 30, 2024 02:55 PM

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