Who Is Nitesh Kumar : पेरिस में चल रहे पैरालंपिक्स गेम्स में भारत के पैरा-बैडमिंटन एथलीट नितेश कुमार ने पुरुष सिंगल्स एसएल3 कैटेगरी में गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया है। नितेश ने फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के डेनियल बेथल को 21-14, 18-21, 23-21 से हराते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। इस सफलता के साथ नितेश पेरिस पैरालंपिक्स में अवनि लेखरा के बाद गोल्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय पैरा एथलीट बन गए हैं। अवनि ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग स्टैंडिंग एसएच-1 प्रतिस्पर्धा में सोना जीता था।
बता दें कि पैरालंपिक्स में एसएल3 (SL3) क्लास में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जिनके निचले अंगों में दिव्यांगता का स्तर गंभीर होता है। एसएल3 एथलीट्स के मैच में बैडमिंटन कोर्ट की आधी चौड़ाई का इस्तेमाल किया जाता है। नितेश ने साल 2009 में विशाखापत्तनम में एक रेल हादसे में अपना बायां पैर खो दिया था। महीनों तक वह बिस्तर पर पड़े रहे थे। लेकिन, अपने इस समय का इस्तेमाल उन्होंने आंसू बहाने या अपनी किस्मत को कोसने की जगह आईआईटी की तैयारी करने में लगाया।
Golden glory for India! 🇮🇳
Many congratulations to Nitesh Kumar, for clinching the gold medal🥇 in men’s singles SL3 badminton at the #ParisParalympics2024!
---विज्ञापन---Your ingenuity, dedication, unrelenting passion, and remarkable resilience have paid off. This triumph is a testament to… pic.twitter.com/NXQV69ig6d
— Mallikarjun Kharge (@kharge) September 2, 2024
2009 में गंवाया पैर, 2013 में IIT पढ़ने गए
साल 2013 में नितेश को आईआईटी मंडी में एडमिशन मिल गया। इसी दौरान बैडमिंटन में उनका इंटेरेस्ट पैदा हुआ। पैरा बैडमिंटन में उन्होंने करियर की शुरुआत साल 2016 में की थी जब उन्होंने हरियाणा की टीम का हिस्सा रहते हुए पैरा नेशनल चैंपियनशिप में हिस्सा लिया था। नितेश ने अपना पहला इंटरनेशनल टाइटिल साल 2017 में आइरिश पैरा बैडमिंटन इंटरनेशनल में जीता था। इसके अलावा वह एशियन पैरा गेम्स और बीडब्ल्यूएफ पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड सर्किट भी जीत चुके हैं।
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जश्न मनाने के मौके के साथ बड़ा मैसेज दिया!
पैरा बैडमिंटन में शानदार करियर रखने वाले नितेश कुमार हरियाणा में खेल व युवा मामलों के विभाग के लिए सीनियर बैडमिंटन कोच भी हैं। बता दें कि पैरालंपिक्स में नितेश से पहले टोक्यो पैरालंपिक्स में प्रमोद भगत ने एसएल3 कैटेगरी में गोल्ड मेडल जीता था। इसी कैटेगरी में मनोज सरकार ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। अब पेरिस में नितेश ने सोना जीतकर इस खेल में भारत का दबदबा तो कायम रखा ही है, इसके साथ ही लाखों-करोड़ों लोगों को यह संदेश भी दिया है कि अगर मन में जुनून है तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
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