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IND vs ENG: विवादों से घिरा है अंपायर्स कॉल, फिर भी क्यों नहीं बदले जा रहे नियम? जानें बड़ी वजह

Umpires Call Controversy: भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज के बीच अंपायर्स कॉल काफी चर्चा में है। आलम ऐसा हो गया है कि कई बड़े दिग्गज भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोग इसके समर्थन में हैं, तो कुछ लोग इसके विरोध में हैं।

Edited By : Abhinav Raj | Updated: Feb 25, 2024 17:03
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India vs England Ranchi Test Umpires Call Controversy why rules not changing
भारत बनाम इंग्लैंड।

Umpires Call Controversy: अंपायर्स कॉल को लेकर इन दिनों काफी विवाद हो रहा है। भारत और इंग्लैंड के बीच खेली जा रही टेस्ट सीरीज के दौरान अंपायर्स कॉल विवाद का कारण बन गया है। हाल ही में इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने अंपायर्स कॉल पर बयान देते हुए इसे बंद करने की मांग की थी। कप्तान ने कहा था कि अंपायर्स कॉल नियम के कारण भारत के खिलाफ टेस्ट मैच के दौरान हमारे बल्लेबाज को गलत आउट दिया गया है, मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है कि यह क्या नियम है। इसके बाद रांची टेस्ट मैच के दौरान भारतीय टीम ने भी अंपायर्स कॉल के कारण अपने 4 विकेट गंवा दिए हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि अगर अंपायर्स कॉल के कारण अक्सर इतना विवाद देखने को मिलता है, तो नियमों में बदलाव करके इसे बंद क्यों नहीं कर दिया जाता है। चलिए आज हम आपको इसका कारण बताते हैं आईसीसी अंपायर्स कॉल नियम को लेकर क्यों मजबूर है।

https://twitter.com/meme_craze_25/status/1761661101664845918

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किस परिस्थिति में दिया जाता है अंपायर्स कॉल

बता दें कि यह कोई पहली दफा नहीं है जब अंपायर्स कॉल को लेकर विवाद हो रहा है। इससे पहले भी कई दफा अंपायर्स कॉल सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर चुका है और इससे बंद करने की मांग भी बढ़-चढ़कर की जाती है। बावजूद इसके आईसीसी की ओर से इस नियम में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा है। ऐसे में आपके मन में भी सवाल हो सकता है कि जब अधिकांश क्रिकेटर और फैंस इसके विरोध में हैं, अक्सर इस नियम में बदलाव की मांग की जाती है, फिर भी इसे बंद क्यों नहीं किया जा रहा है। इस सवाल के जवाब को गहराई से समझने के लिए आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आखिरकार थर्ड अंपायर्स के द्वारा किस स्थिति में अंपायर्स कॉल दिया जाता है।

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अंपायर्स कॉल का नियम

जब कोई गेंद किसी बल्लेबाज के पैड पर जाकर लगती है, तो ऑन फील्ड अंपायर उस स्थिति को परखते हुए खिलाड़ी को आउट या फिर नॉट आउट देते हैं। इस स्थिति में अगर गेंदबाज या फिर बल्लेबाज की ओर से रिव्यू की मांग की जाती है, तो थर्ड अंपायर मामले को अपने हाथ में ले लेता है। थर्ड अंपायर गेंद को तकनीक पर आधारित बॉल ट्रैकिंग की मदद से देखता है। इस स्थिति में अगर गेंद विकेट को छू रही होती है, तो असल में गेंद विकेट को नहीं छूती है, यह सिर्फ तकनीकी आधार पर अनुमान लगाया जाता है कि अगर गेंद इस दिशा में जाएगी तो विकेट को छूएगी या फिर नहीं।

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नियमों में क्यों नहीं किया जा रहा बदलाव

बॉल ट्रैकिंग में गौर करने वाली बात है कि अगर गेंद पूरी तरह से विकेट पर जाकर लगती है या फिर गेंद का 50 फीसदी हिस्सा विकेट को छूता है, तो इसका अर्थ हुआ कि गेंद विकेट पर जरूर से जाकर लगेगी। दूसरी ओर तकनीकी आधार पर दिखाए अनुसार अगर गेंद का 50 फीसदी से कम हिस्सा विकेट पर जाकर लगता है, तो इसका मतलब है कि गेंद असल में विकेट को छू भी सकती है और नहीं भी। इस स्थिति में थर्ड अंपायर फैसले को ऑन फील्ड अंपायर के डिसीजन पर छोड़ देता है और अंपायर्स कॉल दे देता है। इससे साफ है कि अंपायर्स कॉल उस स्थिति में दिया जाता है, जब यह तय नहीं हो पाता है कि गेंद विकेट को छू रही होगी या फिर नहीं, बॉल ट्रैकिंग में जो दिखाया जाता है वह सिर्फ अनुमान होता है, वह 100 फीसदी सटीक नहीं होता है।

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Written By

Abhinav Raj

First published on: Feb 25, 2024 05:03 PM

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