India vs England: पहले घर पर न्यूज़ीलैंड से 0-3 की शर्मनाक हार और फिर ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर 1-3 से मिली मात, टीम इंडिया का लगातार तीसरी बार वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने का सपना तोड़ गई। अब मौका नई शुरूआत का है क्योंकि टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे के साथ ही वर्ल्ड चैंपियनशिप के नए साइकिल का भी आगाज़ हो जाएगा। इंग्लैंड दौरा यूं भी हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। स्विंग के लिए मददगार कंडीशंस, तेज़ गेंदबाज़ों के लिए अनुकूल परिस्थितियां और बल्लेबाज़ों पर बना रहने वाला मानसिक दबाव सबका सामना करना टीम इंडिया के लिए आसान नहीं होगा।
टीम चयन: फॉर्म बनाम अनुभव की जंग
सेलेक्शन कमेटी के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि किसे मौका दिया जाए ? आईपीएल में शानदार प्रदर्शन कर रहे युवा खिलाड़ियों को इंग्लैंड की सीनियर टीम में शामिल करना जोखिम हो सकता है। वहीं अनुभवी लेकिन हालिया फॉर्म में कमजोर खिलाड़ियों को शामिल करना भी आलोचना का कारण बन सकता है। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल और नीतीश रेड्डी जैसे युवा जहां संभावनाएं दिखा रहे हैं। वहीं ध्रुव जुरेल, वॉशिंगटन सुंदर और सरफराज़ खान जैसे खिलाड़ी इंग्लैंड की कंडीशंस में चयन के दायरे में नजर नहीं आ रहे।
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रोहित शर्मा की कप्तानी पर सवाल
इसमें कोई शक नहीं कि इंग्लैंड में रोहित का पिछला दौरा शानदार रहा था। उनका अनुभव भी टीम इंडिया के लिए अहम है लेकिन रोहित की टेस्ट फॉर्मेट में हालिया फॉर्म और सबसे अहम कप्तानी में खोता आत्मविश्वास इंग्लैंड दौरे से पहले खतरे की घंटी है। न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पिछली 2 टेस्ट सीरीज़ की हार में रोहित की कप्तानी और बल्लेबाज़ी की फॉर्म दोनों आलोचना के घेरे में रही। अटकलें तो उनके संन्यास की भी लगाईं गईं लेकिन रोहित ने खुद संन्यास की संभावना को तब टाल दिया था। सेलेक्टर्स को तय करना होगा कि क्या रोहित की कप्तानी में टीम इंडिया इंग्लैंड दौरे पर जाए या फिर किसी नए विकल्प की तलाश की जाए?
विराट बनेंगे इंग्लैंड में फिर कप्तान?
ऐसी भी रिपोर्ट्स हैं कि कप्तानी की रेस में विराट कोहली का नाम शामिल हो चुका है। जिसे लेकर कोच गौतम गंभीर और चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर भी सहमत हैं। टेस्ट में कोहली की कप्तानी का रिकॉर्ड भी उन्हें इस ज़िम्मेदारी के लिए पहली पसंद भी बनाता है। लेकिन ये सिर्फ अपुष्ट खबरें हैं, ऐसे में बड़ा फैसला खुद विराट कोहली को लेना होगा। ज़ाहिर तौर पर सेलेक्टर्स यही चाहेंगे कि कप्तान तो वही बने जो अगले 2 साल तक वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के मौजूदा साइकिल में इस ज़िम्मेदारी को उठाने के लिए तैयार हो।
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इन फॉर्म सीनियर्स और ऑलराउंडर्स
इंग्लैंड की पिचों पर बॉलिंग ऑलराउंडर्स का रोल बेहद अहम होता है। रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल के अलावा हर्षित राणा और नीतीश कुमार रेड्डी इंग्लैंड में बैलेंस बना सकते हैं। साथ ही विराट कोहली के अलावा केएल राहुल और श्रेयस अय्यर का भी इंग्लैंड में विकल्प नहीं होगा। स्पेशलिस्ट विकेटकीपर के तौर पर ऋषभ पंत भी प्लेइंग-11 का हिस्सा रहेंगे। हालांकि आईपीएल में अपने ऑलराउंड खेल से सभी का दिल जीतने वाले साई सुदर्शन को इंग्लैंड दौरे पर आज़माया जा सकता है।
4-4 तेज़ गेंदबाज़ों को मौका मुमकिन
ऑस्ट्रेलिया में खेली गई बॉर्डर गावस्कर टेस्ट सीरीज़ में भारतीय गेंदबाज़ी का तुरूप का इक्का जसप्रीत बुमराह ही रहे थे। इंग्लैंड में बुमराह के साथ तेज़ गेंदबाज़ी के मोर्चे पर मोहम्मद शमी और मोहम्मद सिराज का जाना तय है। चौथे गेंदबाज़ के तौर पर आकाशदीप टीम का हिस्सा हो सकते हैं। कुल मिलाकर इंग्लैंड में भी टीम इंडिया के वही 70-80 फीसदी खिलाड़ी खेलते दिखेंगे जो ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर गए थे। लेकिन उससे पहले बड़ा चैलेंज टीम के कप्तान का चयन होगा, जिसके बाद बारी मुकाबलों के लिए प्लेइंग-11 चुनने की आएगी।
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इंग्लैंड दौरे के लिए संभावित टीम इंडिया- विराट कोहली (कप्तान), रोहित शर्मा, शुभमन गिल (उप-कप्तान), यशस्वी जायसवाल, श्रेयस अय्यर, केएल राहुल, साई सुदर्शन, नीतीश कुमार रेड्डी, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), रवींद्र जडेजा, अक्षर पटेल, हर्षित राणा, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद शमी, मोहम्मद सिराज, आकाशदीप।