Aman Sehrawat Paris Olympic 2024: अमन सहरावत ने 57 किलोग्राम कुश्ती के सेमीफाइनल में हार के बाद अपना वजन 4.5 किलोग्राम कम किया। सेमीफाइनल मैच के बाद अमन का वजन 61.5 किलोग्राम था, लेकिन अमन, उनके कोच और सपोर्ट स्टाप ने पूरी रात काम किया और रिकॉर्ड टाइम में 4.5 किलोग्राम वजन घटाकर कांस्य पदक का मुकाबला अपने नाम कर लिया। इसी के साथ अमन सबसे कम उम्र में ओलंपिक मेडल जीतने वाले भारतीय एथलीट बन गए हैं।
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---विज्ञापन---— Aman Sehrawat 🧢 (@AmanSehrawat57) August 9, 2024
सेमीफाइनल मैच के तुरंत बाद शुरू की तैयारी
21 वर्षीय अमन सहरावत का सेमीफाइनल मुकाबला शाम के 6.30 बजे हुआ था। इस मैच में उन्हें जापान के री-गुची से हार का सामना करना पड़ा। हालांकि हार के बावजूद अमन ने हिम्मत नहीं हारी और कांस्य पदक के मुकाबले की तैयारी में तुरंत जुट गए। अमन और उनके कोच ने पहले डेढ़ घंटा मैट पर बिताया और स्टैंडिंग रेसलिंग की। जगमेंद्र सिंह और वीरेंदर दहिया के साथ सीनियर भारतीय कोच और पूरी टीम अमन सहरावत के साथ लग गई।
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एक घंटा ट्रेडमिल पर चले अमन
मैट सेशन के बाद अमन ने 1 घंटा हॉट बॉथ सेशन में बिताया। इसके बाद रात के 12.30 बजे अमन जिम में गए और लगातार एक घंटा ट्रेडमिल पर चले। कोशिश थी ज्यादा से ज्यादा पसीना निकालने और वजन कम करने की। फिर उन्हें आधे घंटे का ब्रेक दिया गया और उसके बाद 5 मिनट का वाष्प स्नान (Sauna Bath) किया।
मसाज और लाइट जॉगिंग
हालांकि अब भी अमन का वजन 900 ग्राम ज्यादा था। टीम ने अतिरिक्त वजन को कम करने के लिए अमन को मसाज दिया और उन्हें लाइट जॉगिंग करने को कहा गया। बाद में उन्होंने 15 मिनट का रनिंग सेशन भी किया।
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आखिरकार सुबह 4.30 बजे अमन का वजन 56.9 किलोग्राम था, ये वजन निर्धारित सीमा से 100 ग्राम कम था, जिसके बाद अमन, उनके कोच और सपोर्ट स्टाफ ने राहत की सांस ली।
नींबू-शहद के साथ हल्का गर्म पानी
हालांकि वजन कम करने की इस प्रक्रिया के दौरान अमन ने नींबू और शहद के साथ हल्का गर्म पानी लिया और कॉफी भी पी। हालांकि कड़े ट्रेनिंग सेशन के बावजूद अमन ने न सोने का फैसला किया। सहरावत ने कहा कि मैंने पूरी रात रेसलिंग के वीडियो देखे। हर घंटे पर अपना वजन चेक करता रहा।
दहिया ने बताया क्यों थी टेंशन
अमन के कोच दहिया ने कहा, ‘हम हर घंटे वजन चेक करते रहे। कोई पूरी रात नहीं सोया, और न ही दिन में कोई सोया।’ दहिया ने कहा कि वजन घटाना एक नॉर्मल प्रक्रिया है। लेकिन इस बार हमें बहुत टेंशन थी, विनेश के साथ जो हुआ, उसे लेकर हमें बहुत टेंशन थी। हम एक और मेडल हाथ से खिसकने नहीं देना चाहते थे।
अमन, उनके कोच और सपोर्ट स्टाफ का प्रयास तब सार्थक साबित हुआ, जब अमन ने प्यूर्टो रिको के डेरियन क्रूज को हराकर कांस्य पदक अपने नाम कर लिया। इसी के साथ अमन सबसे कम उम्र में ओलंपिक मेडल जीतने वाले भारतीय एथलीट बन गए हैं।