Chess Olympiad: अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (एआईसीएफ) ने 45वें शतरंज ओलंपियाड में इतिहास रचने वाली भारतीय टीम के लिए बड़ा ऐलान कर दिया है। एआईसीएफ के अध्यक्ष नितिन नारंग ने बुधवार को शतरंज ओलंपियाड में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को सम्मानित किया। उन्होंने यहां ऐलान करते हुए बताया कि चेस ओलंपियाड में जीतने वाली टीमों को तीन करोड़ 20 लाख रुपये की ईनामी राशि दी जाएगी।
उन्होंने आगे बताया कि विजेता टीम के प्रत्येक सदस्य को 25-25 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि पुरुष और महिला टीमों के कोच अभिजीत कुंटे और श्रीनाथ नारायण को 15-15 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा भारतीय दल के प्रमुख ग्रैंडमास्टर दिव्येंदु बरुआ को 10 लाख रुपये और सहायक कोचों को 7.5 लाख रुपये दिए जाएंगे।
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AICF announced cash rewards for all 25 lakh for each player 15 lakh for each coach 10 lakh for each head of delegation 7.5 lakh for assisting coaches.@gargiraut15 reports! pic.twitter.com/Ew1c70m91T
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गोल्ड की भूख हंगरी में खत्म हुई- नितिन नारंग
एआईसीएफ के अध्यक्ष नारंग ने सम्मान समारोह के दौरान कहा, ‘गोल्ड की भूख हंगरी में खत्म हो गई, लेकिन सफलता की इच्छा अभी भी जारी है। ओपन कैटेगरी में हमारा दबदबा रहा और महिला कैटेगरी में हमने जीत छीनी। हमारे खिलाड़ी शतरंज की बिसात पर तेज निशानेबाज साबित हुए। विश्वनाथन आनंद द्वारा बोए गए बीज अब पेड़ बन गए हैं। इस मौके पर एआईसीएफ के महासचिव देव ए पटेल ने कहा कि ऐतिहासिक दोहरे गोल्ड मेडल देश में शतरंज क्रांति लाने में मदद करेंगे।’
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Iconic photo, historic moment! Double gold at Chess Olympiad! 🥇🥇
Thank you for all the love! pic.twitter.com/4BviWsr4lz— Vidit Gujrathi (@viditchess) September 23, 2024
भारतीय टीमों ने दिखाया दम
बता दें कि इस बार चेस ओलंपियाड में भारतीय मेंस और महिला दोनों ही टीमों ने शानदार प्रदर्शन किया। डी गुकेश और अर्जुन एरिगैसी के जोरदार प्रदर्शन के दम पर भारत ने पहली बार ओपन सेक्शन में गोल्ड मेडल जीता। भारतीय मेंस टीम ने पूरे टूर्नामेंट में दम दिखाते हुए लगातार आठ मैच जीते और डिफेंडिंग चैम्पियन उज्बेकिस्तान से ड्रॉ खेला। इसके बाद महिला टीम ने दम दिखाते हुए गोल्ड मेडल भारत की झोली में डाल दिया।