Kundalini Yoga Benefits: हाल ही हुई एक रिसर्च के नतीजों के अनुसार योग करने से महिलाओं में याददाश्त कम होने और अल्जाइमर संबंधी बीमारियों को रोका जा सकता है। कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय लॉस एंजिल्स (UCLA) में शोधकर्ताओं की एक टीम ने अपनी स्टडी के दौरान पाया कि ‘कुंडलिनी योग’ तनाव से प्रभावित मस्तिष्क के एक क्षेत्र में गतिविधि को बढ़ाता है, जिससे याददाश्त तेज होती है।
जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिजीज में प्रकाशित हुई रिपोर्ट के अनुसार रिसर्चर्स ने दिमाग में हिप्पोकैम्पस के कुछ हिस्सों में कनेक्टिविटी पर स्मृति वृद्धि प्रशिक्षण (MET) एवं योग करने से पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन किया। हिप्पोकैम्पस हमारे मस्तिष्क में सीखने और याद रखने से जुड़ा हुआ क्षेत्र है। MET उन तकनीकों से याददाश्त सुधारने के लिए मौखिक और दृश्यों का सहारा लेते हैं।
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दो समूहों पर अलग-अलग की गई थी रिसर्च
रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने योग और एमईटी से जुड़े दो समूह बनाएं। रिसर्च में कुल 22 प्रतिभागियों को शामिल किया गया। इनमें से योग वाले समूह में पार्टिसिपेंट्स की औसत आयु लगभग 61 वर्ष थी जबकि एमईटी वाली समूह में औसत आयु 65 वर्ष थी। इन सभी को कमजोर याददाश्त की शिकायत के साथ-साथ ह्रदय रोग संबंधी बीमारियां भी थी जिसके कारण अल्जाईमर रोग की संभावनाएं बढ़ गई थीं।
शोध में शामिल पार्टिसिपेंट्स पर 12 सप्ताह तक अध्ययन किया गया, प्रत्येक सप्ताह 60 मिनट का व्यक्तिगत प्रशिक्षण सत्र होता था। योग वाले समूह को ‘कुंडलिनी योग’ की ट्रेनिंग दी गई। रिसर्च के नतीजों के आधार पर वैज्ञानिकों ने पाया कि नियमित रूप से योग करने पर हिप्पोकैम्पस में कनेक्टिविटी वाले क्षेत्र एक्टिव होता है और इससे याददाश्त बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
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योग और एमईटी, दोनों से होता है लाभ
यूसीएलए में लेट-लाइफ, मूड स्ट्रेस एंड वेलनेस रिसर्च प्रोग्राम के निदेशक, मनोचिकित्सक डॉ. हेलेन लावरेत्स्की ने कहा कि कुंडलिनी योग करने से हिप्पोकैम्पस कनेक्टिविटी को बेहतर ढंग से लक्षित किया जा सकता है जबकि एमईटी हिप्पोकैम्पस के संवेदी-एकीकरण उपक्षेत्रों को बेहतर ढंग से लक्षित कर सकता है।
रिसर्च में शामिल शोधकर्ताओं ने कहा कि इस स्टडी के नतीजे से पता चलता है कि नियमित योग क्रियाएं करने से तनावग्रस्त महिलाओं को लाभ हो सकता है और वे ज्यादा बेहतर जीवन जी सकती हैं। इसके साथ ही वृद्ध लोगों को स्वस्थ रहने में भी योग काफी मदद कर सकता है। हालांकि रिसर्चर्स के अनुसार अभी इस संबंध में अधिक व्यापक अध्ययन करने की आवश्यकता है।