Chandrayaan 3: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO के वैज्ञानिक इन दिनों एक साथ दो महत्वपूर्ण मिशन पर काम कर रहे हैं। पहला मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग है जबकि दूसरे मिशन में सूर्य पर भेजे जाने वाले यान आदित्य एल-1 की तैयारी है। माना जा रहा है कि दोनों मिशन इसी वर्ष अगस्त तक सफलतापूर्वक पूरे कर लिए जाएंगे।
वैज्ञानिकों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए लॉन्च विंडो 12 जुलाई से शुरु होगी। इसी प्रकार आदित्य एल-1 के लिए लॉन्च विंडो 12 अगस्त तक उपलब्ध होगी। हालांकि यदि आदित्य मिशन को इस समय नहीं भेजा गया तो इसे अगले वर्ष भेजा जाएगा।
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अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन स्पेसक्रॉफ्ट मिशन ऑपरेशंस के अवसर पर इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि जल्दी ही श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र पर चंद्रयान-3 और एलवीएम-3 के इंटीग्रेशन का कार्य शुरु कर दिया जाएगा। वर्तमान में अंतरिक्ष यान के प्रणोदक मॉड्यूल और रोवर के साथ लैंडर की जांच का काम चल रहा है। आवश्यक तैयारियां पूरी करने के बाद इन्हें संयोजित कर इंटीग्रेशन का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा।
चंद्रयान-2 के पथ को ही करेंगे फॉलो (Chandrayaan 3)
इसरो द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए उसी रास्ते को चुना गया है जो चंद्रयान-2 के लिए अपनाया गया था। लैंडिंग साइट भी पुरानी जगह को ही चुना गया है हालांकि इस बार ऑर्बिटर नहीं भेजा जा रहा है। उल्लेखनीय है कि चंद्रयान-2 मिशन लैंडिंग के दौरान क्रैश हो गया था।