Gaganyaan Mission Launching Date Updates Female Robot Vyommitra: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) के वैज्ञानिकों के हौसले बुलंद हैं। अब वैज्ञानिक गगनयान मिशन पर जुट गए हैं। इसकी लॉन्चिंग अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में होगी। इसके बाद के मिशन में इसरो अंतरिक्ष में महिला रोबोट व्योममित्र को भेजेगा। ताकि भविष्य में इंसानों को भेजा जा सके। इसका ऐलान केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने एक टीवी चैनल के कॉन्क्लेव में किया। उन्होंने बताया कि गगनयान मिशन अक्टूबर के पहले या दूसरे हफ्ते में उड़ान भरेगा।
2020 में इसरो ने पेश किया था रोबोट
इसरो ने मिशन गगनयान के लिए 24 जनवरी 2020 को व्योममित्र रोबोट पेश किया था। व्योममित्र को बेंगलुरु में रखा गया है। इसे दुनिया की बेस्ट स्पेस एक्सप्लोरर ह्यूमेनॉयड रोबोट का पुरस्कार मिल चुका है।
चंद्रयान-3 से पहले लॉन्च होना था गगनयान
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते गगनयान मिशन में देरी हुई। उन्होंने कहा कि यह एक मानवरहित मिशन है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों को वापस लाना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना उन्हें भेजना। दूसरे मिशन में एक महिला रोबोट होगी, उसमें इंसानों की तरह हर गतिविधियां करने में सक्षमता है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो हम आगे बढ़ सकते हैं।
पीएम मोदी ने बच्चों और मीडिया के लिए खोला इसरो
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चंद्रमा पर लैंडिंग इसरो और देश के लिए बहुत बड़ी सफलता है। उन्होंने कहा कि 2019 तक श्रीहरिकोटा स्पेस सेंटर में बच्चों और मीडिया की एंट्री बैन थी। लेकिन इस बार बच्चों और मीडिया को आमंत्रित किया गया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान की सफलता के बाद भारत उन चार देशों के समूह में शामिल हो गया है, जो चंद्रमा तक पहुंचे हैं। वहीं दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला इकलौता देश भारत है।
#WATCH | Dr S Unnikrishnan Nair, Director of Vikram Sarabhai Space Centre says, "…Gaganyaan mission we are going to have the inflight abort test of the escape system using a test vehicle. You know that the escape system is the most important element in Gaganyaan. So that we… pic.twitter.com/cPZkxTkF6l
— ANI (@ANI) August 26, 2023
डॉक्टर उन्नीकृष्णन बोले- सभी सिस्टम पहुंचे श्रीहरिकोटा
विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र के निदेशक डॉ. एस उन्नीकृष्णन नायर ने बताया कि गगनयान मिशन में हम एक परीक्षण वाहन का उपयोग करके एस्केप सिस्टम का इनफ्लाइट एबॉर्ट टेस्ट करने जा रहे हैं। एस्केप सिस्टम गगनयान में सबसे महत्वपूर्ण तत्व है। इसलिए हम अलग-अलग परिस्थितियों में परीक्षण करना चाहते हैं। सभी गतिविधियां प्रगति पर हैं। वाहन क्रोम मॉड्यूल, सभी सिस्टम श्रीहरिकोटा पहुंच गए हैं।