AI and Dog Cancer Detection Team: अक्सर हम AI के कारनामों को बारे में सुनते रहते हैं। समय के साथ-साथ इसने हर क्षेत्र में अपने कदम जमा लिए हैं। हेल्थकेयर सेक्टर भी इससे अछूता नहीं है। साइंस न्यूज की रिपोर्ट में पता चला है कि AI ने कुछ कुत्तों के साथ मिलकर कैंसर जैसी बीमारी का पता लगाने का स्किल डेवलप कर लिया है। इनकी मदद से 4 खतरनाक कैंसर का पता लगाया जा सकता हैं। इन कुत्तों के नाम मार्स, मूल और प्लूटो हैं, और आप कह सकते हैं कि उनके कैंसर-सूंघने के स्किल काबिल-ए-तारीफ है। आइए इस रिसर्च के बारे में जानते हैं।
कैंसर का पता लगाते हैं कुत्ते
साइंस न्यूज की रिपोर्ट में बताया गया कि कुत्तों को AI के साथ जोड़कर एक्सपेरिमेंटल स्क्रीनिंग मैथर्ड के जरिए रोगियों की सांसों में मौजूद कैंसर की सूंध कर क्षमता दी गई है। बता दें कि वैज्ञानिकों ने 15 नवंबर को साइंटिफिक रिपोर्ट्स में बताया कि कैनाइन-एआई की जोड़ी बेहद सटीक और बेहद संवेदनशील थी, जिसने 94 प्रतिशत मामलों में चार प्रकार के कैंसर का सफलतापूर्वक पता लगाया।
इस पद्धति को विकसित करने वाली इजरायल स्थित कंपनी स्पॉटिटअर्ली के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी असफ राबिनोविच ने कहा कि स्क्रीनिंग ने शुरुआती चरण के कैंसर का पता लगाने के साथ-साथ बाद के स्टेप में कैंसर का भी पता लगाने में उतना ही अच्छा काम किया। इसके सफल होने से सही कैंसर की पहचान इससे बचने की दरों को बढ़ाने में काफी हद तक मदद हो सकती है।
कैसे काम करती है प्रक्रिया?
इस रिसर्च में , रैबिनोविच की टीम ने लैब्राडोर रिट्रीवर्स प्रशिक्षित किया, जिसके तहत जब वे रोगियों के सांस के नमूनों को सूंघने और स्तन, फेफड़े, कोलोरेक्टल या प्रोस्टेट कैंसर की पहचान करते हैं तो बैठ जाते हैं। अगर कुत्ते बैठ जाते हैं तो इसका मतलब है कि रोगी चारों में से किसी एक कैंसर से पीड़ित हैं।
हालांकि लगातार कुत्तों की शारीरिक भाषा को पढ़ना मनुष्यों के लिए मुश्किल हो सकता है। यहीं पर AI की जरूरत होती है। शोधकर्ताओं ने एक AI मॉडल को प्रशिक्षित किया जो कुत्तों के संकेतों की बताने के लिए मशीन लर्निंग और कंप्यूटर विजन पर निर्भर करता है। टीम ने लगभग 1,400 प्रतिभागियों के सांस के नमूनों पर अपने सिस्टम का परीक्षण करने के लिए इजराइल में चिकित्सा केंद्रों के साथ भागीदारी की।